The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Latest News
पीएम मोदी को सीएम साय ने बताया – बस्तर में डर नहीं, डिजिटल बदलाव, नक्सल ऑपरेशन की कामयाबी की रिपोर्ट भी दी
स्टारलिंक को सेवा शुरू करने का लाइसेंस, सैटेलाइट इंटरनेट वाली देश में तीसरी कंपनी
क्या सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान को आतंकवाद का पनाहगार साबित कर पाया ?
बीजापुर नेशनल पार्क में दूसरे दिन भी मुठभेड़ जारी, अब तेलंगाना का बड़ा नक्सली भास्कर ढेर
छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग ने जारी की प्रवेश मार्गदर्शिका, इन नियमों का करना होगा पालन
छत्तीसगढ़ में थाना प्रभारियों का प्रमोशन, 46 TI बने DSP, डीपीसी के बाद राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
अरविंद नेताम ने संघ प्रमुख से कहा : अपनी छतरी में बौद्ध, जैन और सिख समुदाय जैसी जगह दे दें आदिवासियों को 
अमिताभ जैन का उत्तराधिकारी खोजने में छूटा पसीना, रेणु पिल्ले के नाम की चर्चा क्‍यों नहीं ?
पहलगाम हमला मानवता और कश्मीरियत पर हमला : पीएम मोदी
रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती, झूम उठा शेयर बाजार,  सेंसेक्‍स 82 हजार के पार
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस रिपोर्ट
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Follow US
© 2025 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
The Lens > देश > शहादत को सलाम ( 23 मार्च, 1931) : भगत सिंह ने पहले किताब पढ़ी फिर फांसी के फंदे को चूमा
देश

शहादत को सलाम ( 23 मार्च, 1931) : भगत सिंह ने पहले किताब पढ़ी फिर फांसी के फंदे को चूमा

Arun Pandey
Last updated: March 23, 2025 5:52 pm
Arun Pandey
Share
SHARE

23 मार्च, 1931 के दिन लाहौर जेल इंकलाबी नारों से गूंज उठी, जब भारत मां के तीन सपूत भगत सिंह, सुखदेवऔर राजगुरु को फांसी दी गई। ये दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और भावनात्मक क्षण के रूप में दर्ज है। इन तीनों क्रांतिकारियों को ब्रिटिश सरकार ने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य होने और लाहौर षड्यंत्र मामले (1929) में जॉन सॉन्डर्स की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया था। भगत सिंह ने 1929 में दिल्ली की सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली में बम फेंकने की घटना को भी अंजाम दिया था, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाना था। 23 मार्च को हम शहीद दिवस के रूप से मानते हैं और क्रांतिकारियों की शहादत को सलाम करते हैं।

फांसी के दिन जेल में क्या हुआ

भगत सिंह को किताबों से गहरा लगाव था। जब उन्हें फांसी दी जानी थी, उस वक्त भी वह किताब पढ़ रहे थे। भगत सिंह ने जेलर से कहा कि उन्हें उस किताब को खत्म करने का थोड़ा वक्त दे दिया जाए जो उनके हाथ में थी। वह किताब थी ‘लेनिन‘ की जीवनी, जिसे वह आखिरी पलों तक पढ़ते रहे।

मृत्‍यु को सामने देखकर भी उनके चेहरे पर कोई डर नहीं था। फांसी के फंदे तक जाने के लिए भगत सिंह बीच में चल रहे थे, उनके बाएं ओर सुखदेव और दाएं ओर राजगुरु थे। उस पल में भी तीनों गुनगुना रहे थे  ‘दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी।‘  

फांसी का समय और योजना: फांसी की तारीख 24 मार्च, 1931 तय की गई थी, लेकिन ब्रिटिश अधिकारियों ने जनता के बढ़ते आक्रोश और विरोध को देखते हुए इसे एक दिन पहले23 मार्च को शाम 7:33 बजे के आसपास अंजाम देने का फैसला किया। यह गोपनीय तरीके से किया गया।

क्रांतिकारियों का रवैया: फांसी से पहले भगत सिंह, सुखदेव, और राजगुरु ने अदम्य साहस और देशभक्ति का परिचय दिया। तीनों नारे लगाते हुए और “इंकलाब जिंदाबाद” व “भारत माता की जय” जैसे उद्घोष करते हुए फांसी के तख्ते तक गए। भगत सिंह उस समय किताब पढ़ रहे थे।

जेल में माहौल: जेल के अंदर अन्य कैदियों और कुछ कर्मचारियों में उदासी और गुस्से का माहौल था। कई भारतीय जेल कर्मचारी इन क्रांतिकारियों के प्रति सम्मान रखते थे, लेकिन ब्रिटिश अधिकारियों के दबाव में उन्हें चुप रहना पड़ा। फांसी के बाद जेल में सन्नाटा छा गया था।

फांसी के बाद : फांसी देने के बाद ब्रिटिश अधिकारियों ने तीनों के शवों को उनके परिवारों को सौंपने के बजाय रात के अंधेरे में सतलुज नदी के किनारे ले जाकर जलाने की कोशिश की। हालांकिस्थानीय लोगों को इसकी भनक लग गई और वे वहां पहुंच गए, जिसके बाद अधिकारियों को आधे जलाए शव छोड़कर भागना पड़ा। बाद में जनता ने इन शवों का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया।

TAGGED:23 MarchBhagat SinghMartyrs' DayShaheed DiwasShivaram RajguruSukhdev Thapar
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article परिसीमन : केंद्र के खिलाफ दक्षिण की सियासी लामबंदी, जानिए बैठक में क्या तय हुआ
Next Article कैश कांड : इधर जस्टिस वर्मा ने सफाई दी, उधर सफाईकर्मी ने जले नोटों का फिर जारी कर दिया वीडियो

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

महाराष्ट्र में प्रोटोकॉल पर CJI गवई ने जताई नाराजगी, कहा – ‘मुख्य सचिव और DGP को रहना था मौजूद’

द लेंस डेस्क। (CJI) Justice BR Gavai: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बीआर गवई…

By Amandeep Singh

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा प्रो. खान की गिरफ्तारी का मामला, मल्लिकार्जुन खड़गे का बीजेपी पर हमला

नई दिल्‍ली। ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट लिखने के बाद गिरफ्तार हुए अशोका…

By Lens News Network

8 घंटे में ही घुटने पर कैसे आया पाकिस्‍तान, जानिए सीडीएस चौहान ने अब क्‍या बताया

नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर फिर…

By Lens News Network

You Might Also Like

देश

यूजीसी की नई पहल,अब हर कॉलेज-विश्वविद्यालय में सैनिटरी पैड मशीनें जरूरी

By Poonam Ritu Sen
देशस्क्रीन

नहीं रहे एक्टर मनोज कुमार, 87 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

By Poonam Ritu Sen
Prof Ali Khan arrest case
देश

शर्तों के साथ प्रोफेसर अली खान को अंतरिम जमानत, एसआईटी को मामले की जांच

By Lens News Network
The Wire
देश

‘The Wire’ समेत कई वेबसाइट और सैकड़ों सोशल मीडिया हैंडल पर सेंसर

By Awesh Tiwari

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?