टेक्नोलॉजी डेस्क| टेक्नोलॉजी की चमकती दुनिया में एक नया तूफान आया है, जहाँ एक तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन ने भविष्य को और आसान बनने का दावा किया, वहीं दूसरी ओर यह लाखों नौकरियों के लिए खतरा बन गया है। मार्च 2025 तक, टेक दिग्गजों जैसे बोइंग, अमेज़न, और टिकटॉक ने अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती की है। क्या यह आर्थिक मंदी का असर है या तकनीक का बदलता खेल? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
पिछले कुछ महीनों में टेक कंपनियों ने अपने बजट में कटौती करने के लिए नौकरियों से हटाने का सिलसिला तेज कर दिया है। बिजनेस इनसाइडर के रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 में 1,65,000 से अधिक टेक कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा, और 2025 में यह आँकड़ा और बढ़ रहा है। Layoffs.fyi जैसे ट्रैकर्स और अन्य मीडिया रिपोर्ट्स ने इसकी पुष्टि की है। आइए कुछ बड़ी कंपनियों के हाल पर नज़र डालें:

1 बोइंग
कब: नवंबर 2024
कितने प्रभावित: 17,000 कर्मचारी (कुल कार्यबल का 10%)
कहाँ: वाशिंगटन में 2,199 कर्मचारी प्रभावित
क्यों: वित्तीय संकट, हड़ताल, और उत्पादन में देरी ने बोइंग को यह कदम उठाने पर मजबूर किया।
2 अमेज़न
कब: 2025 की शुरुआत
कितने प्रभावित: 14,000 मैनेजरियल पद
क्यों: लागत में कटौती और AI पर बढ़ता फोकस
कंपनी का कहना है कि यह कदम परिचालन दक्षता के लिए ज़रूरी है।
3 टिकटॉक
कब: 2025 की शुरुआत
कितने प्रभावित: मलेशिया में 500+ कर्मचारी
क्यों: कंटेंट मॉडरेशन में AI का इस्तेमाल बढ़ाने के कारण कर्मचारियों की ज़रूरत कम हुई।
4 स्ट्राइप
कब: जनवरी 2025
कितने प्रभावित: 300 कर्मचारी
क्यों: प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग टीमों में बदलाव के लिए यह कदम उठाया गया।
5 एचपी: हार्डवेयर से सॉफ्टवेयर की राह
कब: मार्च 2025 तक
कितने प्रभावित: 1,000-2,000 कर्मचारी
क्यों: कंपनी का फोकस अब सर्विस-आधारित बिजनेस पर है।
( स्त्रोत – Layoffs.fyi, रॉयटर्स, बिजनेस टुडे, टेक क्रंच, और WARN नोटिस )

ये तो हुई मल्टी नेशनल कंपनियों की बात, लेकिन भारत में भी टेक छंटनियों की आँच पहुँच चुकी है। 2024 में 20,000 से अधिक कर्मचारी स्टार्टअप्स और टेक फर्मों से निकाले गए। बायजू और स्विगी जैसी कंपनियाँ इन लिस्ट में शामिल हैं। फंडिंग की कमी और बढ़ते खर्चों ने यहाँ की कंपनियों को भी मुश्किल में डाल दिया है।
इन सभी रिपोर्ट्स के आधार पर मुख्यतौर पर तीन बड़े कारण सामने आए हैं:
1 आर्थिक मंदी: वैश्विक मंदी और बढ़ती ब्याज दरों ने कंपनियों पर लागत कम करने का दबाव डाला है।
2 AI का उभार: टिकटॉक और अमेज़न जैसी कंपनियाँ AI को अपनाकर मानव श्रम की जगह मशीनों को तरजीह दे रही हैं।
3 पुनर्गठन: बोइंग और एचपी जैसी कंपनियाँ अपने बिजनेस मॉडल को बदल रही हैं, जिसके लिए कर्मचारियों की संख्या में कटौती जरूरी हो गई।
एक तरफ जहाँ AI और ऑटोमेशन नए अवसर पैदा कर रहे हैं, वहीं यह नौकरियों के लिए खतरा भी बन रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ सालों में टेक सेक्टर में “स्किल शिफ्ट” होगा, जो कर्मचारी नई तकनीकों में महारत हासिल करेंगे, वही इस दौर में टिक पाएँगे।
टेक की दुनिया में यह बदलाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार इसका दायरा चिंता का विषय बन गया है खासकर टेक कंपनी के कर्मचारियों के लिए।