संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 जारी की। इस साल की लिस्ट में 147 देश शामिल हैं इसमें भारत को 118वां स्थान मिला है। यह पिछले साल 2024 के 126वें स्थान से 8 पायदान का सुधार हुआ है। फिर भी, भारत की स्थिति कमज़ोर दिखती है, क्योंकि युद्धग्रस्त देश जैसे यूक्रेन और फिलिस्तीन भी हमसे आगे हैं। फिनलैंड ने लगातार आठवें साल सबसे खुशहाल देश का ताज बरकरार रखा।

भारत की खुशहाली, पिछले साल से 8 पायदान ऊपर, फिर भी पीछे
2025 में भारत 118वें नंबर पर पहुंचा, जो पिछले साल से बेहतर है लेकिन यह सुधार बहुत बड़ा नहीं लगता, क्योंकि हाल के सालों में भारत सिर्फ 2022 में ही टॉप-100 में पहुंच पाया था। हैरानी की बात यह है कि यूक्रेन, फिलिस्तीन, और पाकिस्तान जैसे देश, जो मुश्किल हालात से गुज़र रहे हैं, भारत से ज़्यादा खुशहाल हैं। तेज़ आर्थिक तरक्की के बावजूद भारत की रैंकिंग क्यों पीछे है? ये बड़ा सवाल है।
दुनिया के सबसे खुशहाल देश, फिनलैंड टॉप पर
फिनलैंड एक बार फिर पहले नंबर पर है। यह लगातार आठवां साल है, जब फिनलैंड सबसे खुशहाल देश बना। टॉप-5 में डेनमार्क दूसरे, आइसलैंड तीसरे, स्वीडन चौथे, और नीदरलैंड पांचवें स्थान पर हैं। दूसरी तरफ, सबसे कम खुशहाल देशों में अफगानिस्तान (147वां), सिएरा लियोन (146वां), लेबनान (145वां), मालावी (144वां), और जिम्बाब्वे (143वां) हैं। ब्रिटेन 23वें और अमेरिका 24वें नंबर पर हैं। इन देशों में बेहतर जीवन स्तर और मज़बूत सामाजिक ढांचा खुशहाली की बड़ी वजह है।
पाकिस्तान और नेपाल भी भारत से ज्यादा खुशहाल
पड़ोसी देशों की बात करें तो पाकिस्तान 109वें स्थान पर है, जो भारत से 9 पायदान ऊपर है। नेपाल 92वें नंबर पर है। यूक्रेन (105), ईरान (100), और इराक (101) जैसे देश भी भारत से बेहतर स्थिति में हैं। यह सोचने वाली बात है कि भारत, जो आर्थिक रूप से मज़बूत हो रहा है, खुशहाली में अपने पड़ोसियों से पीछे क्यों रह गया?
खुशहाली का पैमाना, ऐसा बनता है रिपोर्ट
यह रिपोर्ट लोगों से उनके जीवन की संतुष्टि के सवाल पूछकर तैयार की जाती है। साथ ही, प्रति व्यक्ति आय, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता, और भ्रष्टाचार की धारणा जैसे पहलू भी देखे जाते हैं। रिपोर्ट बताती है कि दूसरों के साथ खाना खाना, सामाजिक समर्थन, परिवार का साथ, और दयालुता पर भरोसा खुशहाली बढ़ाते हैं। मिसाल के लिए, जिन देशों में लोग मानते हैं कि उनका खोया हुआ बटुआ लौट आएगा, वहां खुशी का स्तर ज़्यादा है।