रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में बिहार स्थापना दिवस मनाने का फैसला किया है। प्रदेश में 22 मार्च को बिहार स्थापना दिवस के मौके पर बीजेपी खास आयोजन करने की तैयारियां कर रही है। यह कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत स्नेह मिलन की तर्ज पर आयोजित किया जाएगा।
इस संबंध में बीजेपी के फैसले के बाद प्रदेश की सियासत में एक बार फिर स्थानीय और बाहरी का मुद्दा गर्म हो गया है। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों और अलग-अलग संगठनों ने भाजपा पर छत्तीसगढि़यावाद का विरोधी होने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ बीजेपी इसे राष्ट्रीय एकता के रूप देख रही है। वहीं, कांग्रेस ने इसे बिहार चुनाव का एंगल दिया है।
साल 2025 के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस ने इसे चुनावी स्टंट बताया है। प्रदेश में हमेशा से छत्तीसगढि़यावाद का मुद्दा हावी रहा है। संस्कृति, रीतिरिवाज और अखंडता पर प्रदेश में लंबे समय से सियासी घमासान होते रहे हैं। ऐसे में बिहार दिवस को लेकर छत्तीसगढ़ में बयानबाजियां शुरू हो गई हैं। शनिवार को प्रदेश के 5 से 6 जिलों में बिहार दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित भाजपा के आला नेता शामिल हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा – ‘भाजपा के प्रदेश प्रभारी और बिहार के मंत्री नितिन नबीन की चापलूसी करने के लिए बीजेपी ने कार्यक्रम का आयोजन किया है।‘
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा – ‘ये तो प्रोपेगेंडा है उनका कि जहां चुनाव होता है वहां दिवस मना रहे हैं। बिहार दिवस मनाना है तो बिहार में बनाईए। जहां चुनाव होगा वहां छत्तीसगढ़ के संसाधनों को झोंक दे रहे हैं। भाजपा को छत्तीसगढ़ संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है।‘
दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा – ‘बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ऊर्जावान नेता है। बीजेपी सभी धर्म का सम्मान करती है। छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस मनाने पर विपक्ष को किस बात की आपत्ति है? ये तो चाहते हैं कि यहां के लोगों को किस तरह बेवकूफ बनाया जाए। भाजपा सरकार सभी जाति, धर्मों का सम्मान करती है। कांग्रेस केवल जनता को मूर्ख बनाना चाहती है।‘
दूसरी तरफ बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री और छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी नितिन नबीन ने भी कांग्रेस नेताओं के प्रति तरस जताया है।