कर्नाटक में नेताओं के हनी ट्रैप फंसने की खबरें आने के बाद भूचाल आ गया है। आज शुक्रवार 21 मार्च को कर्नाटक विधानसभा में हंगामा देखने को मिला। इस मामले में सत्ता पक्ष और विपक्षी नेता एकजुट होकर मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने विधानसभा में खुलासा किया था कि अब तक कम से कम 48 नेता हनी ट्रैप का शिकार हो चुके हैं, जिनमें केंद्रीय नेता भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह समस्या किसी एक राजनीतिक दल तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यापक स्तर पर फैली हुई है।
भाजपा विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा कि यह किसी एक पार्टी का मुद्दा नहीं है। यह लोगों के लिए काम करने वाले विधायकों के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश है। कुछ लोग अपने छिपे हुए एजेंडे के तहत ये सब (हनीट्रैप) कर रहे हैं।
कर्नाटक के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने गुरुवार (20 मार्च 2025) को हनी ट्रैप को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने दावा किया कि राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री को हनी ट्रैप में फंसाने की दो कोशिशें हुईं, लेकिन वे असफल रहीं। मंत्री ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि राजनीति में इस तरह की साजिशें नहीं होनी चाहिए और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सीडी और पेन ड्राइव का जिक्र
केएन राजन्ना ने यह भी बताया कि हनी ट्रैप के मामलों से जुड़ी सीडी और पेन ड्राइव मौजूद हैं। एक न्यूज एजेंसी के हवाले से मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार, राजन्ना के बेटे राजेंद्र राजन्ना ने दावा किया कि उन्हें भी हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई थी। उन्होंने बताया कि यह सिलसिला काफी पहले शुरू हुआ, जब फोन कॉल्स और वीडियो कॉल्स के जरिए संपर्क किया गया। हालांकि, उन्होंने पहले इस पर चुप्पी साधे रखी, लेकिन जब विधानसभा में मामला उठा तो उन्होंने खुलकर बात करने का फैसला किया।
सरकार ने दिया जांच का आश्वासन
इस पूरे मामले पर कर्नाटक सरकार ने गंभीर रुख अपनाते हुए जांच का भरोसा दिया है। पुलिस इस हनी ट्रैप रैकेट की तह तक जाने की कोशिश कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसके पीछे कौन लोग हैं और इसका असली मकसद क्या है।