कोलकाता| कोलकाता के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने 102 साल की महिला को नया जीवन दिया। शनिवार 15 मार्च को उनकी सफल पेसमेकर सर्जरी हुई और सिर्फ दो दिन बाद सोमवार को उन्हें छुट्टी मिल गई। यह कारनामा वुडलैंड्स मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने अंजाम दिया। डॉक्टरों का कहना है कि पेसमेकर लगाना आम बात हो सकती है, लेकिन इस उम्र में ऐसी सर्जरी बेहद खास और दुर्लभ है।
102 साल की डॉ. स्मृति काना रॉय, एक मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ है जिन्होंने सेंट टेरेसा और मिशनरीज ऑफ चैरिटी की ननों का इलाज किया था, उनकी सर्जरी की गयी है । डॉ. रॉय को चक्कर आने की शिकायत थी। उनकी बेटी जूली बसु ने कैलिफोर्निया से बताया कि डॉक्टरों ने अनियमित दिल की धड़कन देखी और पेसमेकर का सुझाव दिया। उनकी हृदय गति कम थी और हॉल्टर टेस्ट में छह सेकंड का ठहराव दिखा।
वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील बरन रॉय ने एक मीडिया से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि “शनिवार सुबह उन्हें भर्ती किया गया और उसी दिन सर्जरी हुई। सोमवार को वह घर लौट गईं।” यह एक अद्भुत अनुभव था। डॉ. रॉय ने कहा कि वह सर्जरी को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थीं।
इस ऑपरेशन के बाद डॉ. रॉय ने कहा, “मुझे अब अच्छा लग रहा है। यह चमत्कार है या नहीं, मैं नहीं कह सकती। मैंने डॉक्टरों की सलाह मानी और सब ठीक हो गया।” इस उम्र में फिट रहने का राज पूछने पर उन्होंने बताया, “मैं काम करती हूँ, अखबार-किताबें पढ़ती हूँ और खुद को व्यस्त रखती हूँ। दूसरों की मदद करने से मुझे खुशी मिलती है।”
डॉ राय की बेटी 66 साल की जूली ने कहा, “माँ बहुत अनुशासित हैं। उनकी सख्त दिनचर्या और मानसिक मजबूती उन्हें खास बनाती है। मैंने उन्हें कभी रोते नहीं देखा। कोविड भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सका।” डॉ. रॉय 1964 में रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट की फेलोशिप के लिए यूके गई थीं, तब उनकी दो छोटी बेटियाँ थीं। बाद में उन्हें FRCOG की उपाधि से सम्मानित किया गया।
यह सर्जरी एक बार फिर साबित करती है कि डॉक्टर धरती के भगवान क्यों कहलाते हैं। 102 साल की उम्र में भी डॉ. रॉय की हिम्मत और डॉक्टरों की मेहनत ने इतिहास रच दिया।