बीजापुर| छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में विशेष जांच दल (SIT) आज व्यवहार न्यायालय, बीजापुर में चार्जशीट पेश करने जा रही है। यह बहुचर्चित मामला सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग से जुड़ा है, जिसके चलते मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था। सभी आरोपी वर्तमान में जेल में बंद हैं।
हत्या की साजिश और शव की बरामदगी
1 जनवरी 2025 की रात षड्यंत्र के तहत मुकेश चंद्राकर की हत्या कर उनके शव को सेप्टिक टैंक में चुनवा दिया गया था। अगले दिन, 2 जनवरी को मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर ने कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने 3 जनवरी की देर शाम मोबाइल (गूगल) लोकेशन के आधार पर मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर के चट्टान पारा स्थित बाड़े से शव बरामद किया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी।

भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग बनी हत्या का कारण
जांच में सामने आया कि यह हत्या गंगालूर से मिरतुर तक 100 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार से संबंधित रिपोर्टिंग के कारण हुई। मुकेश ने अपने पत्रकारीय कार्य के तहत इस भ्रष्टाचार को उजागर किया था, जिससे नाराज सुरेश चंद्राकर ने अपने भाई रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और कर्मचारी महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
गिरफ्तारी और SIT जांच
सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT जांच के आदेश दिए थे। पुलिस ने शुरुआती कार्रवाई में रितेश, दिनेश और महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुख्य आरोपी सुरेश तीन दिन तक फरार रहा। इसके बाद SIT ने उसे हैदराबाद से गिरफ्तार किया। शव बरामद होने वाली जगह को SIT ने सील कर दिया है और जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।

सुरेश की संपत्ति कुर्क करने की मांग
हत्या के बाद से स्थानीय लोग और पत्रकार समुदाय लगातार सुरेश चंद्राकर की संपत्ति कुर्क करने की मांग उठा रहे हैं। इस मामले ने न केवल पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों के लिए खतरे को भी उजागर किया है।
भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों पर भी कार्रवाई
SIT की जांच में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार में संलिप्तता के आरोप में लोक निर्माण विभाग के पूर्व कार्यकारी अभियंता, एसडीओ समेत चार लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, इन सभी को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
आज पेश होने वाली चार्जशीट से इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई का रास्ता साफ होगा। सभी आरोपियों के खिलाफ सबूतों के आधार पर मुकदमा चलाया जाएगा। पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने निष्पक्ष पत्रकारिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।