- अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन से पीएम मोदी ने तीन घंटे लंबी बातचीत
अमेरिका के कंप्यूटर साइंटिस्ट और जाने-माने पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंबी बातचीत की। इस पॉडकास्ट का प्रसारण रविवार 16 मार्च को शाम 5:30 यूटयूब पर हुआ। यह पॉडकास्ट करीब तीन घंटे लंबा है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर इस पॉडकास्ट के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत वास्तव में शानदार रही। इस पॉडकॉस्टा में पीएम मोदी ने संघ, भारत, पाकिस्तान, एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) समेत निजी जीवन से जुड़े मामलों पर चर्चा की।
भारत के बिना अधूरी रहेगी एआई क्रांति
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “दुनिया चाहे एआई के साथ कुछ भी करे, वह भारत के बिना अधूरा रहेगा।” जब उनसे पूछा गया कि क्या एआई इंसानों की जगह ले सकता है, तो पीएम मोदी ने इसे नकारते हुए कहा कि मानवता ने हमेशा तकनीकी विकास के साथ खुद को ढाला है। उन्होंने कहा, “आखिरकार, इंसान ही तय करता है कि तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जाए।” पीएम मोदी ने एआई को प्रतिस्पर्धा की बजाय साझा मिशन बताया और कहा कि भारत सिर्फ सैद्धांतिक मॉडल नहीं बना रहा, बल्कि वास्तविक दुनिया के एआई समाधान भी विकसित कर रहा है। उन्होंने मानवता की संवेदनशीलता को एआई की सबसे बड़ी सीमा बताया और कहा कि “मनुष्य में एक-दूसरे की देखभाल करने और चिंता करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। क्या एआई ऐसा कर सकता है?”
सबसे महत्वपूर्ण है – देशहित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा गया कि क्या एक नेता के लिए लोगों का प्रेम महत्वपूर्ण है या उनका भय? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने महात्मा गांधी को हर युग का महान नेता बताया और कहा कि उनका खुद का दायित्व देश से बड़ा नहीं है, बल्कि उनकी असली शक्ति 140 करोड़ भारतीयों का विश्वास है। मोदी ने कहा कि जब वे दुनिया के किसी नेता से मिलते हैं, तो वह सिर्फ मोदी का नहीं, बल्कि पूरे भारत का प्रतिनिधित्व होता है। उन्होंने 2014 की याद दिलाते हुए कहा कि जब वे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने थे, तब उनकी विदेश नीति को लेकर सवाल उठाए गए थे। लेकिन तब भी उन्होंने स्पष्ट किया था कि भारत अब न सिर झुकाकर, न ही सिर उठाकर बल्कि आत्मविश्वास के साथ ‘आंख में आंख मिलाकर’ दुनिया से संवाद करेगा। उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है – देशहित।
गोधरा दंगों पर क्या बोले पीएम
गोधरा दंगों से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, “गुजरात में अब स्थायी शांति स्थापित हो चुकी है। 24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार निर्वाचित प्रतिनिधि बना और 27 फरवरी 2002 को गोधरा कांड हुआ, जिससे प्रदेश में हिंसा फैल गई। 2002 से पहले भी गुजरात में 250 से अधिक दंगे हो चुके थे, जिनमें 1969 का दंगा छह महीने तक चला था। 2002 के दंगे दुखद रहे, लेकिन उसके बाद राज्य में शांति बनी रही। सरकार पर कई आरोप लगे, लेकिन न्याय पालिका ने दो बार जांच करने के बाद निर्दोष घोषित किया।”
पाकिस्तान के मामले पर…
पाकिस्तान से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत को पाकिस्तान से शांति की हर कोशिश के बदले दुश्मनी और धोखा ही मिला है। 2014 में मैं जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाला था तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। उम्मीद थी कि दोनों देश एक नया अध्याय शुरू करेंगे। हालांकि शांति का हर नेक प्रयास का सामना दुश्मनी और विश्वासघात से हुआ। पाकिस्तान के लोग शांति चाहते हैं। वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहने से थक गए होंगे।”
आरएसएस से जुड़े सवाल पर…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि बचपन से ही मैं हमेशा कुछ न कुछ करने में सक्रिय रहता था। संघ एक विशाल संगठन है, शायद दुनिया में ऐसा बड़ा स्वयंसेवी संगठन और कहीं नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि संघ को पूरी तरह समझना आसान नहीं है। संघ में हमें यह सिखाया जाता है कि देश ही सर्वोपरि है और जनसेवा ही प्रभुसेवा के समान है। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस पवित्र संगठन से संस्कार मिले।