यह कितनी खतरनाक स्थिति है कि दुनिया के बीस सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत के हैं और इन तेरह में सबसे ऊपर वनाच्छादित मेघालय का बर्निहाट है। बर्निहाट मेघालय और असम की सीमा पर स्थित एक औद्योगिक कस्बा है जो लगातार पर्यावरणीय चुनौतियां झेल रहा है। स्विस एयर क्वालिटी टेक्नोलॉजी कंपनी आई क्यू एयर की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2024 में भारत के जिन शहरों को सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल किया है उन सभी की स्थिति यही है। पर्यावरण पूरी दुनिया की चिंता का सबसे बड़ा विषय है, लेकिन दुनिया का एक तबका बाकी दुनिया की कीमत पर सिर्फ इस धरती के दोहन में लगा है। इस तबके के लिए विकास के मायने ही भिन्न हैं। विकास की इस परिभाषा में धरती सिर्फ उपभोग के लिए है। याद रखना चाहिए कि धरती केवल मनुष्यों के लिए नहीं है न ही धरती केवल विकसित देशों के उपभोग केंद्रित विकास के लिए ही है। दुर्भाग्य से यह प्रवृत्ति दुनियाभर के संपन्न और प्रभावशाली लोगों में घर कर गई है। इस रिपोर्ट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व सलाहकार सौम्या स्वामीनाथन का यह कथन महत्वपूर्ण है कि हमारे पास डेटा है, कार्रवाई की जरूरत है, लेकिन कार्रवाई किस तरह की इस पर दुनिया को विचार करना चाहिए। दुनिया की सेहत दांव पर है, क्लाइमेट चेंज वहम नहीं हकीकत है। ये पूरी पृथ्वी को बचाने की लड़ाई है और जिम्मेदारी उन मनुष्यों पर है जिन्होंने इसे उपभोग की ही वस्तु माना है। ऐसी रिपोर्ट्स गंभीर चेतावनियां होती हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।