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देश

मणिपुर में फिर हिंसा : एक की मौत, 40 से अधिक घायल, कूकी समुदाय का अनिश्चितकालीन बंद

पूनम ऋतु सेन
Last updated: March 9, 2025 1:11 pm
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
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इम्फाल। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में शनिवार,8 मार्च को केंद्र सरकार के फ्री मूवमेंट निर्देश के खिलाफ कूकी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 27 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। मृतक की पहचान लालगौथांग सिंगसित (30 वर्षीय ) के रूप में हुई है, जो कीथेलमंबी इलाके में गोली लगने से घायल हो गया था और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।

ट्रांसपोर्ट बस में कल हुआ था पथराव


प्रदर्शनकारी कूकी समुदाय के लोग केंद्र के उस फैसले का विरोध कर रहे थे, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने 8 मार्च से राज्य में सभी सड़कों पर मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। कांगपोकपी के गमगिफाई इलाके में प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर स्टेट ट्रांसपोर्ट की एक बस पर पथराव किया। पुलिस के अनुसार, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पहले आंसू गैस के गोले छोड़े गए, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों में से कुछ हथियारबंद लोगों ने गोलीबारी भी की, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों को कार्रवाई करनी पड़ी।

कूकी परिषद ने किया बंद का ऐलान ,फ्री मूवमेंट वापिस लेने की अपील

इस घटना के बाद कूकी परिषद ने कल रात से सभी कूकी प्रधान क्षेत्रों में अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है। परिषद ने केंद्र से अलग प्रशासन की मांग दोहराई है और फ्री मूवमेंट के फैसले को वापस लेने की अपील की है। प्रदर्शनकारियों ने इम्फाल-दीमापुर हाईवे को अवरुद्ध कर दिया और टायर जलाकर सरकारी वाहनों की आवाजाही रोकने की कोशिश की। कई जगहों पर सड़कों पर पेड़ और पत्थर रखकर रास्ते बंद किए गए। हिंसा में घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। मणिपुर पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं और रविवार सुबह तक जिले में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।

राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह कदम उठाया था, ताकि सामान्य स्थिति बहाल की जा सके। हालांकि, कूकी समुदाय इसे मेइती समुदाय के पक्ष में मान रहा है और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। मई 2023 से शुरू हुए जातीय तनाव में अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार और केंद्र से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग उठ रही है।

TAGGED:free movementkukimaiteyimanipur riotspresident governance
Byपूनम ऋतु सेन
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पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
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