- 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के हटने के बाद यह पहला मौका है जब राज्य का बजट पेश किया गया
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को राज्य का छह साल बाद पहला बजट पेश किया। उन्होंने इसे आर्थिक विकास का रोडमैप और जनता की आकांक्षाओं का वास्तविक प्रतिबिंब बताया। इससे पहले, 2018 में पीडीपी-बीजेपी सरकार ने अंतिम बजट पेश किया था। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के हटने के बाद यह पहला अवसर है जब राज्य का बजट पेश किया गया।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे जम्मू-कश्मीर का वित्त मंत्री होते हुए पहला बजट प्रस्तुत करने की खुशी है। यह बजट हमारे आर्थिक विकास और जनता की आकांक्षाओं का सही चित्रण करता है।” उन्होंने अपना भाषण एक फारसी कविता से शुरू किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी चुनौतियां बड़ी हैं, लेकिन हमें मिलकर इनका सामना करना होगा। यह बजट जनता के सपनों, भविष्य की आवश्यकताओं और प्रत्येक नागरिक की आकांक्षाओं का सच्चा प्रतिबिंब है।” उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना जनता की प्रमुख मांगों में से एक है और सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है।
उमर अब्दुल्ला ने साझा की पुरानी यादें
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “सात साल पहले, मैं मजाक में वित्त मंत्रियों की तरह बजट पेश करने की एक्टिंग कर रहा था। मुझे नहीं लगा था कि एक दिन सच में यह अवसर मिलेगा।”
बजट में क्या है खास
- कृषि क्षेत्र: 815 करोड़ रुपये का आवंटन।
- रोजगार: 2.88 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर।
- पर्यटन: 390.20 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- स्वास्थ्य: 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा
- चिकित्सा सुविधाएं: दो नए एम्स और 10 नए नर्सिंग कॉलेज
- फिल्म नीति: खेल और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना
- जम्मू कश्मीर में महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा।
- लखपति दीदी स्कीम के तहत 40 हजार महिलाओं को आर्थिक मदद।
- जम्मू कश्मीर में न्यू हाइड्रो पावर पॉलिसी।
- कम आय परिवारों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान।
- राज्य में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- पेट्रोल की कीमतों में 1 रुपये की छूट।