Indigo Flights Cancellation Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का संकट अभी थमा नहीं है। दिसंबर की शुरुआत में क्रू की कमी से हजारों उड़ानें रद्द होने के बाद अब कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने कंपनी के बाजार में मोनोपॉली की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, इंडिगो ने खुद संकट की जड़ पता करने के लिए अंतरराष्ट्रीय एविएशन विशेषज्ञ कैप्टन जॉन इल्सन को नियुक्त किया है। कंपनी की उड़ानें अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं।
क्या इंडिगो ने गलत फायदा उठाया?
इंडिगो के पास घरेलू उड़ान बाजार का 65 फीसदी से ज्यादा हिस्सा है। CCI खुद से (सुओ मोटो) जांच कर रही है कि क्या कंपनी ने अपनी मजबूत स्थिति का इस्तेमाल करके प्रतिस्पर्धा के नियम तोड़े। खास तौर पर कॉम्पिटिशन एक्ट की धारा 4 पर नजर है, जिसमें बड़ी कंपनी मनमानी तरीके से सेवाएं रोकना या यात्रियों पर अनुचित शर्तें थोपना गलत है। अभी कोई औपचारिक शिकायत नहीं है, लेकिन CCI प्रारंभिक स्तर पर कंपनी की बाजार हिस्सेदारी, खास रूट्स पर नियंत्रण और संकट के दौरान के व्यवहार की पड़ताल कर रही है। अगर शुरुआती सबूत मिले तो पूरी जांच होगी और जुर्माना लग सकता है। जांच में सामने आया कि सभी एयरलाइंस को नए नियमों के लिए काफी समय दिया गया था और इंडिगो ने भी मीटिंग्स में कोई दिक्कत नहीं बताई, लेकिन अचानक क्रू की कमी से हजारों उड़ानें रद्द हो गईं।
संकट की वजह- नए नियम और तैयारी की कमी
संकट की मुख्य वजह नवंबर से लागू नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम हैं, जो पायलटों और क्रू को ज्यादा आराम देते हैं। सभी एयरलाइंस को इसके लिए पहले से तैयारी करने को कहा गया था, लेकिन इंडिगो में क्रू की कमी हो गई। कंपनी ने कई महीनों से नए पायलट नहीं भर्ती किए। 2 दिसंबर से शुरू हुई रद्दगियां 5 दिसंबर को चरम पर पहुंच गईं, जब हजारों उड़ानें कैंसिल हुईं। यात्रियों को समय पर जानकारी नहीं मिली, जिससे एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मची। अब ऑपरेशन स्थिर हो रहे हैं और रद्दगियां बहुत कम हो गई हैं।उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि कोई भी एयरलाइन यात्रियों को परेशान नहीं कर सकती। जांच के बाद सख्त कार्रवाई होगी।
इंडिगो का जवाब – बाहरी विशेषज्ञ से जांच
इंडिगो ने संकट की वजह जानने के लिए कैप्टन जॉन इल्सन की कंपनी चीफ एविएशन एडवाइजर्स एलएलसी को नियुक्त किया है। कैप्टन इल्सन के पास 40 साल से ज्यादा का अनुभव है और वे FAA, ICAO, IATA जैसे वैश्विक संस्थानों में काम कर चुके हैं। यह कदम कंपनी के बोर्ड की क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की सिफारिश पर उठाया गया है। कंपनी ने 3 से 5 दिसंबर तक प्रभावित यात्रियों को 10,000 रुपये का ट्रैवल वाउचर देने का ऐलान किया है। रिफंड भी तेजी से हो रहे हैं। CEO पीटर एल्बर्स DGCA के सामने पेश हो चुके हैं।
DGCA की कार्रवाई
DGCA ने इंडिगो की विंटर शेड्यूल में 10 फीसदी कटौती का आदेश दिया है। कंपनी की निगरानी करने वाले चार इंस्पेक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया। नई निगरानी व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें एयरपोर्ट पर लंबे निरीक्षण और देरी की हर घटना की जांच अनिवार्य है। यह संकट एविएशन सेक्टर के लिए बड़ा सबक है। एक कंपनी का इतना दबदबा यात्रियों के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।
न्यूज़ 18 में छपी एक रिपोर्ट् के मुताबिक पिछले छह महीनों में इंडिगो ने एक भी नया पायलट नहीं भर्ती किया, जबकि नए नियमों से रोस्टरिंग सख्त होनी थी। यह मैनेजमेंट की बड़ी चूक मानी जा रही है। DGCA का सवाल है कि आंतरिक दिक्कतें पता होने पर यात्रियों को पहले क्यों नहीं बताया गया, फ्लाइट्स को ऑपरेट करने का भरोसा क्यों दिया गया और स्थिति को इतना बिगड़ने क्यों दिया। यात्रियों को घंटों एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा, जबकि यह सब प्लानिंग की कमी से टाला जा सकता था।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने साफ कहा कि संकट नए FDTL नियमों की वजह से नहीं, बल्कि इंडिगो की आंतरिक रोस्टरिंग गड़बड़ी से हुआ। नियम सभी से चर्चा कर लागू किए गए और इंडिगो ने भी पालन का वादा किया था। DGCA ने शो-कॉज नोटिस जारी किया है, चार सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। मंत्री ने जोर दिया कि कोई भी एयरलाइन, कितनी बड़ी हो, यात्रियों को परेशान नहीं कर सकती।

