रायपुर। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ धान तस्करी (Dhan Taskari) का एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कबीरधाम जिले में रेंगाखार जंगल क्षेत्र में ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार प्रेमनारायण साहू को पिकअप और माजदा वाहन में भरा धान पार कराते हुए रोका। इसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि रात के अंधेरे में अधिकारी–कर्मचारियों की मिलीभगत से लगातार अवैध धान जिले में प्रवेश कर रहा था। ग्रामीणों ने घटना का वीडियो भी बनाया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
सीमावर्ती इलाकों में धान की तस्करी को रोकने के लिए प्रशासन ने बेरिकेड और कर्मचारी तैनात करने का दावा तो किया है, लेकिन रेंगाखर क्षेत्र की हकीकत इससे बिल्कुल उलट दिखाई देती है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी चल रही है। 15 नवंबर से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी होगी। हर साल धान खरीदी में पड़ोसी राज्य से धान लाकर प्रदेश में बेचने का मामला सामने आता है। यही वजह है कि हर साल धान तस्करी रोकने प्रशासन सख्ती की कोशिश करता है लेकिन इस बार तस्करी में प्रशासनिक अफसरों की मिलीभगत ने प्रशासन की भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए।
ग्रामीणों का कहना है कि बेरिकेड पर अक्सर कर्मचारी मौजूद नहीं रहते। तस्करों के वाहन बिना रोक-टोक सीमा पार कर जाते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि धान तस्करों को सरकारी अफसर सपोर्ट कर रहे हैं, क्योंकि सरकारी सिस्टम की मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी तस्करी संभव ही नहीं है
स्थानीय ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि प्रशासनिक ढिलाई के कारण पिछले कई दिनों से भारी मात्रा में धान मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ कबीरधाम के रास्ते लाया जा रहा है, और हर बार अधिकारी और कर्मचारी इसे अनदेखा कर देते हैं।
बॉर्डर में बने बैरियर में कर्मचारियों को धान तस्करी की जांच करने के लिए ही पदस्थ किया गया है। लेकिन, वे रात में ड्यूटी पर नहीं रहते। उनकी अनुपस्थिति प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि घटना की उच्चस्तरीय जांच हो। संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका स्पष्ट कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
कवर्धा में सामने आया यह मामला सिर्फ तस्करी का नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक सिस्टम की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल है।
इस पूरे मामले में यह सवाल खड़े होता है कि जब धान तस्करी एक बड़ा संवेदनशील मुद्दा है, तो आखिर रेंगाखर बेरिकेड पर कर्मचारी मौजूद क्यों नहीं? तस्करी रोकने का दावा सिर्फ कागज़ों में ही क्यों है? वायरल वीडियो में दिख रहे अधिकारियों की भूमिका की जांच कब होगी?
यह भी पढ़ेें : पशु तस्करी के शक में युवकों की पिटाई, मामूली धाराओं में FIR, पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल

