बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में मेडिकल पीजी सीटों के कोटे (MEDICAL PG SEATS IN CG) में बदलाव को लेकर चल रहा विवाद अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। बुधवार को बिलासपुर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार के 1 दिसंबर 2025 के उस गजट नोटिफिकेशन पर सवाल उठाते हुए तुरंत नोटिस जारी कर दिया, जिसमें स्टेट कोटा 50% से घटाकर 25% और ऑल इंडिया कोटा 50% से बढ़ाकर 75% कर दिया गया था। कोर्ट ने साफ कर दिया कि नए नियमों के तहत होने वाली किसी भी प्रवेश प्रक्रिया पर हाईकोर्ट का अंतिम फैसला लागू होगा, यानी अगर कोर्ट ने नियम रद्द किए तो जो छात्र अभी 75% ओपन कोटे से दाखिला लेंगे, उनका एडमिशन भी रद्द हो सकता है।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभू दत्ता गुरु की बेंच में हुई। पांच डॉक्टरों में प्रभाकर चंद्रवंशी सहित अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि नया नियम छत्तीसगढ़ के उन हजारों MBBS छात्रों के साथ अन्याय है, जो राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई पूरी करने के बाद यहीं PG करना चाहते हैं। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि राज्य सरकार ने पहले से ही दूरदराज इलाकों में दो साल अनिवार्य सेवा (बॉन्ड) की शर्त रखी है। इस कड़ी शर्त को पूरा करने के बाद भी जब स्टेट कोटा सिर्फ 25% रह जाएगा, तो स्थानीय छात्रों के लिए सीट पाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
बाहर से आने वाले छात्र PG करके वापस चले जाएंगे और छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की पहले से जारी कमी और गंभीर हो जाएगी। याचिका में यह भी कहा गया है कि देश के किसी भी राज्य में ऐसा नियम नहीं है, जहां स्टेट कोटा महज 25% हो। सभी राज्यों में 50-50% का फॉर्मूला लागू है। इसलिए यह नियम मनमाना और असंवैधानिक है ।
कोर्ट ने सरकार को दो दिन के अंदर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी और इसी दिन अंतिम फैसला आने की संभावना है तब तक मेरिट लिस्ट और सीट अलॉटमेंट की प्रक्रिया चलती रहेगी लेकिन कोर्ट का अंतिम आदेश सभी पर लागू होगा।
इस मामले पर हमने मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर डॉ यूएस पैकरा से बात की, उन्होंने द लेंस से कहा कि इस पर अभी शासन की तरफ से समिति बनाई जाएगी उसके बाद फैसला लिया जाएगा कि कोर्ट में क्या तर्क दिया जाएगा। जबकि मेरिट लिस्ट जारी किए जाने के सवाल पर कहा की इसकी जानकारी काउन्सलिन्ग कमेटी ही दे पाएगी इसके बारे में मैं कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दे सकता ।
क्या था विवाद, छात्र क्यों कर रहे थे विरोध प्रदर्शन ?
1 दिसंबर 2025 को स्वास्थ्य विभाग ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर स्टेट कोटा 50% से घटाकर 25% कर दिया था। इसके बाद पूरे राज्य में MBBS छात्रों और जूनियर डॉक्टर्स ने विरोध शुरू कर दिया। रायपुर, बिलासपुर, कांकेर समेत कई जगह प्रदर्शन हुए। कांग्रेस ने इसे ‘छत्तीसगढ़ विरोधी’ फैसला करार दिया था।
प्रदेश कांग्रेस के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने इसे प्रदेश के छात्रों के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा की ‘ये हमारी अपील है कि कमिश्नर medical education सभी तरह के काउंसिलिंग प्रक्रिया को स्थगित कर दे ताकि फाइनल लड़ने आते तक फिर से यह प्रक्रिया चालू की जा सके इस बीच यदि मेरिट की लिस्ट जारी कर दी जाती है तो ऐसे में छत्तीसगढ़ के छात्रों को फिर से काउंसलिंग में शामिल होना पड़ेगा ऐसी स्थिति में मेरिट लिस्ट जारी करने से होने वाले विवाद से बचना चाहिए’ इसके अलावा डॉ राकेश गुप्ता ने पीजी मेडिकल कॉलेज छात्रों से अपील की कि वे भी इस तरह की सभी प्रक्रिया जो मेरिट के बाहर की है उसका विरोध करें।
छत्तीसगढ़ में पहले से ही सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भारी कमी है। बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे आदिवासी जिलों में तो कई जगह एक भी स्पेशलिस्ट नहीं है। ऐसे में स्थानीय छात्रों को PG के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी था, लेकिन नए नियम ने उल्टा कर दिया। अब सभी की नजर 16 दिसंबर पर टिकी है, क्या सरकार अपना फैसला वापस लेगी या हाईकोर्ट इसे रद्द कर पुराना 50-50% कोटा बहाल करेगा।

