लेंस डेस्क। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अनिल अंबानी की ADA ग्रुप की दो कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। इनमें से एक मामले में अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी को भी आरोपी बनाया गया है। दोनों मामलों में कंपनियों के प्रमोटर्स, निदेशकों और कुछ अज्ञात बैंक अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। मामले दर्ज होने के बाद CBI ने मुंबई में संबंधित कंपनियों के दफ्तरों और आरोपियों के घरों पर छापेमारी की, जहां से कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं।
पहला मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और जय अनमोल अंबानी सहित अन्य के खिलाफ है। यह केस यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (पूर्व में आंध्रा बैंक) की शिकायत पर दर्ज हुआ है। बैंक का आरोप है कि कंपनी ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचकर उसे करीब 228.06 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
कंपनी ने 18 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कुल 5,572.35 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। कर्ज की शर्तों का पालन नहीं करने के कारण 30 सितंबर 2019 को कंपनी का खाता एनपीए घोषित हुआ और 10 अक्टूबर 2024 को इसे धोखाधड़ी का मामला मानते हुए फ्रॉड घोषित किया गया। मंगलवार को मुंबई की विशेष CBI कोर्ट से सर्च वारंट लेकर एजेंसी ने RHFL के दो दफ्तरों, जय अनमोल अंबानी के घर और पूर्व सीईओ रविंद्र सुधालकर के आवास पर तलाशी ली।
दूसरा मामला रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) के खिलाफ दर्ज किया गया है। यह शिकायत बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने की थी। बैंक का कहना है कि कंपनी ने आपराधिक साजिश और धोखे से उसे 57.47 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
RCFL ने 31 बैंकों, NBFC और अन्य संस्थानों से कुल 9,280 करोड़ रुपये का लोन लिया था। कंपनी का खाता 25 मार्च 2020 को एनपीए घोषित हुआ और 4 अक्टूबर 2025 को इसे फ्रॉड की श्रेणी में डाला गया। इस मामले में भी CBI ने मुंबई में कंपनी के दफ्तर और पुणे में RCFL के निदेशक देवांग प्रवीण मोदी के घर पर छापा मारा, जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए।
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