नई दिल्ली। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने चारों श्रम संहिताओं को पूरी तरह वापस लिए जाने तक लगातार और चरणबद्ध संघर्ष करने का ऐलान किया है। दिल्ली में 8 दिसंबर को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के संयोजक धर्मराज महापात्र ने जारी प्रेस रिलीज में बताया है कि दिल्ली में हुई बैठक में तय किया गया कि फरवरी 2026 में देशव्यापी आम हड़ताल होगी। हड़ताल की तारीख 22 दिसंबर को होने वाली अगली बैठक में तय की जाएगी। बैठक में तय किया गया कि सभी राज्यों में एक हफ्ते के अंदर बैठकें कर रैलियां, जत्थे, घर-घर अभियान और स्थानीय-क्षेत्रीय स्तर पर लगातार विरोध कार्यक्रम चलाए जाएंगे। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के साथ समन्वय रहेगा।
उन्होंने बताया कि श्रम संहिताओं से मज़दूरों को होने वाले तथाकथित ‘लाभों’ के बारे में अभूतपूर्व झूठा प्रचार हो रहा है, जिसमें बड़े पैमाने पर विज्ञापन, पेड न्यूज़ और उनके समर्थन में लेख शामिल हैं, जो सरकारी प्रशासन और शासक वर्ग में व्याप्त घबराहट को दर्शाता है। श्रम विभागों और अदालतों में पूरी तरह अराजकता व्याप्त है।
बैठक में इंडिगो विमान कंपनी के मौजूदा संकट को भी उठाया गया। यूनियनों ने इसे “कॉर्पोरेट अहंकार और कर्मचारियों-यात्रियों की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही” बताया। न्यायिक जांच, दोषियों को सजा और प्रभावित लोगों को पूरा मुआवजा देने की मांग की गई। साथ ही बिजली, रेल, बैंक, बीमा, पेट्रोलियम, रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजीकरण तुरंत रोकने की मांग दोहराई गई।

