JAPAN EARTHQUACK : जापान के उत्तरी हिस्से में 8 दिसंबर सोमवार देर रात को 7.5 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिसने मुख्य होंशू द्वीप के आओमोरी तट के पास हलचल मचा दी। यह भूकंप रात करीब सवा ग्यारह बजे प्रशांत महासागर में तट से लगभग 80 किलोमीटर दूर समुद्र तल पर केंद्रित था। भूकंप के झटके तेज थे। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने पहले तीव्रता 7.6 बताई थी, लेकिन बाद में इसे 7.5 कर दिया। शुरुआत में तीन मीटर ऊंची सुनामी की चेतावनी जारी हुई, जो बाद में एडवाइजरी में बदल गई।
इवाते प्रांत के कुजी बंदरगाह पर 70 सेंटीमीटर (लगभग 2 फुट 4 इंच) ऊंची लहर दर्ज की गई, जबकि अन्य तटीय इलाकों में यह 50 सेंटीमीटर तक रही। जापान, जो दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित देशों में शुमार है और ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है, हर साल करीब 1500 भूकंप झेलता है, लेकिन यह घटना हाल की आपदाओं की याद दिला गई।
भूकंप के तुरंत बाद दमकल एवं आपदा प्रबंधन एजेंसी ने 33 लोगों के घायल होने की पुष्टि की, जिनमें एक की हालत गंभीर बताई गई। अधिकांश चोटें गिरते हुए सामान, जैसे अलमारियां या छत के टुकड़े से लगीं। आओमोरी के हचिनोहे शहर के एक होटल में कई लोग चोटिल हुए, जबकि तोहोकू क्षेत्र में एक व्यक्ति की कार एक गड्ढे में गिरने से हल्की चोट आई।
इस दौरान लगभग 800 घरों में बिजली गुल हो गई और शिंकानसेन बुलेट ट्रेन समेत कई स्थानीय रेल सेवाएं रद्द कर दी गईं। न्यू चितोसे हवाई अड्डे पर करीब 200 यात्री रातभर फंसे रहे। रक्षा मंत्री शिनजिरो कोइज़ुमी ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि 480 निवासियों ने हचिनोहे एयर बेस में शरण ली है और सेना के 18 हेलिकॉप्टर नुकसान का आकलन करने के लिए तैनात कर दिए गए हैं।
परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा पर भी नजर रखी जा रही है। परमाणु विनियमन प्राधिकरण के अनुसार आओमोरी के रोक्काशो ईंधन पुन: प्रसंस्करण संयंत्र से 450 लीटर पानी का रिसाव हुआ लेकिन यह सामान्य सीमा में था और कोई खतरा नहीं है। क्षेत्र के अन्य परमाणु संयंत्रों में भी जांच चल रही है। प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने तुरंत एक आपातकालीन कार्य दल गठित किया और राहत कार्य तेज करने का आदेश दिया। उन्होंने पत्रकारों से कहा ‘लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।’ उन्होंने स्थानीय निवासियों से नगरपालिकाओं के ताजा अपडेट पर ध्यान देने को कहा।
जापानी सरकार अभी सुनामी की लहरों और भूकंप से हुए नुकसान का विस्तृत आकलन कर रही है, साथ ही और बड़े झटकों की चेतावनी भी जारी की है।जापान में चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा होने से भूकंप आम हैं, लेकिन ज्यादातर हल्के होते हैं। 2024 के नोटो द्वीप भूकंप में 600 लोग मारे गए थे, जबकि 2011 के 9.0 तीव्रता वाले भूकंप और सुनामी ने 18,000 से ज्यादा जानें लीं।
सरकार ने चेतावनी दी है कि अगले 30 सालों में 75-82 प्रतिशत संभावना है कि ‘नानकाई ट्रफ’ क्षेत्र में बड़ा भूकंप आए, जिसमें 2.98 लाख मौतें और 2 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 167 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है। इन घटनाओं से जापान ने मजबूत आपदा प्रबंधन सिस्टम विकसित किया है, राहत टीमें सक्रिय हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

