वडोदरा। रक्षा मंत्री RAJNATH SINGH ने मंगलवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात के साधली गांव में बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद का निर्माण सरकारी पैसे से कराना चाहते थे लेकिन सरदार पटेल ने सख्ती से इसके खिलाफ खड़े हो गए और ऐसा होने नहीं दिया। राजनाथ ने सोमनाथ मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा कि नेहरू वहां भी सरकारी पैसा खर्च करने के खिलाफ थे, मगर पटेल ने जनता के चंदे से ही पुनर्निर्माण करवाया।
‘अगर पटेल पीएम होते तो कश्मीर की स्थिति अलग होती’
राजनाथ सिंह ने कहा कि 1946 में ज्यादातर प्रांतीय कांग्रेस कमेटियों ने सरदार पटेल को पार्टी अध्यक्ष (बाद में पीएम पद) बनाने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन गांधीजी के कहने पर पटेल ने नाम वापस ले लिया। रक्षा मंत्री बोले, ‘अगर सरदार प्रधानमंत्री होते तो कश्मीर का पूरा नक्शा ही अलग होता।’ उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को सरदार को सच्ची श्रद्धांजलि बताया और कहा कि नेहरू ने खुद को भारत रत्न दे दिया जबकि मोदी जी ने पटेल को दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा देकर असली सम्मान दिया।
यूनिटी मार्च को संबोधित करते हुए राजनाथ ने अयोध्या राम मंदिर का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि सोमनाथ की तरह राम मंदिर में भी एक पैसा सरकारी नहीं लगा, सब जनता के चंदे से बना। मार्च करमसद (पटेल का जन्मस्थान) से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक जा रही है और 6 दिसंबर को समाप्त होगी।

