रायपुर। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने लेबर कोड्स (Labour Code) को एकतरफा और मनमानी बताते हुए 26 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है। इस आह्वान के तहत छत्तीसगढ़ में भी व्यापक विरोध होगा।
रायपुर में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के साथी अपने अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी लगाकर विरोध कार्यवाही आयोजित करेंगे और शाम साढ़े 5 बजे अंबेडकर प्रतिमा, घड़ी चौक पर संयुक्त प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपगे।
ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने 21 नवंबर 2025 को जारी चार ‘लेबर कोड्स’ की अधिसूचना को लोकतांत्रिक भावना का खुला उल्लंघन बताया। साथ ही भारत के कल्याणकारी राज्य के चरित्र को बर्बाद करने वाला बताते हुए मजदूरों के लिए इस गुलामी के दस्तावेज का पुरजोर विरोध का आव्हान किया है।
इंटक, सीटू, एटक, एच एम एस, ऐक्टू सहित दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र औद्योगिक महासंघों के संयुक्त मंच ने कहा कि इन दमनकारी लेबर कोड्स का विरोध उस दिन से कर रहा है जब ये 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को खत्म करके पारित किए गए।
संयुक्त मंच ने बार-बार सरकार से भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) तत्काल बुलाने और लेबर कोड्स को वापस लेने की मांग की।
यह मांग 13 नवंबर को श्रम मंत्रालय द्वारा आयोजित श्रम शक्ति नीति 2025 पर बैठक में, तथा 20 नवंबर को वित्त मंत्रालय की प्री-बजट परामर्श बैठक में भी दोहराई गई। लेकिन, सरकार पूरी तरह असंवेदनशील और बेपरवाह बनी रही।
इसके विपरीत, केंद्र सरकार ने सभी अपीलों, विरोधों और हड़तालों को नजरअंदाज करते हुए इन कोड्स को लागू कर दिया, ताकि प्री-बजट परामर्श में नियोक्ताओं के संगठनों और सरकार समर्थक बीएमएस व अन्य समूहों की मांगें पूरी की जा सकें।
संयुक्त मंच की तरफ से कहा गया कि यदि ये कोड लागू हुए, तो आने वाली कई पीढ़ियों की आशाएं, अधिकार और सपने नष्ट हो जाएंगे।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र औद्योगिक महासंघों के संयुक्त मंच ने देश के सभी मजदूरों से आह्वान किया है कि 26 नवंबर 2025 को संयुक्त, जुझारू प्रतिरोध और अवज्ञा की कार्रवाई में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर शामिल होकर लेबर कोड्स को रद्द कराने तथा श्रम शक्ति नीति 2025 को वापस लेने की मांग उठाएं।
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