अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मंगलवार को राम मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के साथ ही निर्माण कार्य पूरा हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यानाथ सहित तमाम प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी में बटन दबाकर धर्म ध्वजा फहराई।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज अयोध्या भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक नए शिखर की गवाह बन रही है। यह पल अनुपम और दिव्य है। साधु-संतों के समक्ष उन्होंने “सियावर रामचंद्र की जय” के जयघोष भी लगवाए।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज सदियों पुराने जख्म भर रहे हैं, सदियों की पीड़ा समाप्त हो रही है और संकल्प सफलता प्राप्त कर रहा है। शिखर पर लहराता यह ध्वज भारतीय सभ्यता के पुनर्जन्म का प्रतीक है। 25 नवंबर का यह दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
मंदिर निर्माण में लगे सभी वास्तुकारों, इंजीनियरों, योजनाकारों और दानदाताओं को पीएम ने धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या ही वह पवित्र भूमि है जो बताती है कि व्यक्ति अपने संस्कारों से मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे बनता है। वनवास जाते समय राम युवराज थे, लौटे तो पुरुषोत्तम बनकर आए। अब हमें अपने भीतर के राम को जगाना है और 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लेना है।
पीएम मोदी ने ब्रिटिश काल के मैकाले नीति पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि उसने भारतीयों के मन में गुलामी की भावना भर दी थी, जिसके कारण हमें विदेशी चीजें ही श्रेष्ठ लगने लगीं। हमें इस दासता की मानसिकता से मुक्त होना होगा। आने वाले वर्षों में, खासकर 2027 तक हम इस मानसिक गुलामी से पूरी तरह बाहर निकल आएंगे।
मोहन भागवत ने क्या कहा?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि 161 फीट ऊंचे शिखर पर यह केसरिया ध्वज फहरने के साथ राम मंदिर पूर्ण हुआ। जिन महापुरुषों ने जीवन भर इसके लिए संघर्ष किया और इसे बनते अपनी आंखों से नहीं देख पाए, उनकी आत्मा को आज शांति मिली होगी। उन्होंने अशोक सिंहल, महंत रामचंद्र दास परमहंस, विष्णु हरि डालमिया जैसे दिवंगत योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी।
भागवत ने कहा कि यह वही ध्वज है जो रामराज्य में लहराया करता था। अब हमारा संकल्प होना चाहिए कि यह ध्वज और ऊंची गरिमा प्राप्त करे। हमें ऐसा समरस समाज बनाना है जो देश को समृद्धि के शिखर पर ले जाए। पांच सौ वर्षों के अथक संघर्ष ने सिद्ध कर दिया कि निरंतर प्रयास से असंभव भी संभव हो जाता है। ठीक वैसे ही जैसे सूर्य रोज डूबता और निकलता है, पर उसकी यात्रा कभी नहीं रुकती।
नए युग का श्रीगणेश: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे नए युग का श्रीगणेश बताया। उन्होंने कहा कि यह केसरिया ध्वज धर्म, मर्यादा, सत्य, न्याय और राष्ट्रधर्म का प्रतीक है। मोदी जी के नेतृत्व में अयोध्या अब वैश्विक उत्सव नगरी बन रही है। यहां आस्था और आधुनिकता का अद्भुत संगम दिख रहा है। आज नई अयोध्या का दर्शन हो रहा है, जो विकास और विरासत को साथ लेकर नई ऊंचाइयों को छू रही है।
सीएम योगी ने कहा कि पांच सौ सालों में साम्राज्य बदले, पीढ़ियां गुजरीं, लेकिन जन-जन की आस्था डिगी नहीं। जब संघ जैसे संगठनों ने कमान संभाली तो एक स्वर में सबने कहा – “राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे”। लाठियां-गोलियां खाईं, लेकिन हटे नहीं। आज वही संकल्प साकार हो गया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं ध्वज फहराया और उसके बाद सभी प्रमुख संतों व गणमान्य अतिथियों ने अपना संबोधन दिया। पूरा वातावरण “जय श्री राम” के जयकारों से गूंज उठा।

