बीजापुर। इंद्रावती नदी के पार बसे छोटे कर्का से कौशलनार तक के ग्रामीणों की वर्षों पुरानी उपेक्षा तब उजागर हुई, जब ‘The Lens’ ने हाल ही में प्रमुखता से यह मुद्दा उठाया कि शासन-प्रशासन की अनदेखी के कारण 13 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण ग्रामीण खुद अपने श्रमदान से कर रहे हैं। आस-पास के 700 से अधिक ग्रामीण लगातार कई दिनों से जंगलों और पहाड़ियों के बीच यह सड़क तैयार करने में जुटे हुए थे।

खबर के प्रसारित होने के बाद बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपनी टीम के साथ नदी पार के कई दूरस्थ एवं पहुंचविहीन गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और भरोसा दिलाया कि उनके मूलभूत अधिकार अब उनसे दूर नहीं रहेंगे।
गौरतलब है कि आजादी के आठ दशक बाद भी इन गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली, पेयजल, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। ग्रामीण वर्षों से मजबूरी और बेबसी की जिंदगी जीने को विवश रहे हैं। स्थिति यह थी कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के 25 वर्ष बाद पहली बार कोई विधायक इस क्षेत्र तक पहुंचा। विधायक के पहुंचने के बाद ग्रामीणों की आंखों में आशा की किरण जागी है।
अब इस क्षेत्र का वातावरण बदल रहा है। यह इलाका लंबे समय तक अतिसंवेदनशील माना जाता रहा, लेकिन बीते दिनों सुरक्षा परिस्थितियों में सुधार आने के बाद प्रशासनिक अमले और जनप्रतिनिधियों की आवाजाही बढ़ी है।
विधायक विक्रम मंडावी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि उनकी सभी मूलभूत समस्याओं सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के समाधान को प्राथमिकता दी जाएगी।

