नई दिल्ली। जिन 272 माननीयों ने राहुल गांधी के खिलाफ खुला पत्र लिखा था उनमें से एक पूर्व जज ने भावी सीजेआई सूर्यकांत के खिलाफ पत्र लिखा था। पूर्व जस्टिस आदर्श कुमार गोयल द्वारा जस्टिस सूर्यकांत के खिलाफ लिखे गए पत्र में उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे। यह पत्र द लेंस के पास मौजूद है।
दीपक मिश्रा को लिखे पत्र में गंभीर आरोप
आदर्श कुमार गोयल नामक ने 12 जनवरी 2018 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने सूर्यकांत की किसी हाई-कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति पर असहमति जताई थी। जनचौक उन्होंने पत्र में कहा कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य अनुचित व्यवहार से जुड़ी शिकायतें है। उन्होंने पत्र में जस्टिस सूर्यकांत द्वारा अनुचित संपत्ति ग्रहण करने और कम कीमत पर संपत्ति विक्रय के आरोप लगाए थे।

की गई थी जांच की मांग
गोयल ने पत्र में तत्कालीन सीजीाई को यह सुझाव दिया था कि जब तक इन आरोपों की स्वतंत्र और न्यायसंगत जांच नहीं हो जाती, तब तक सूर्यकांत को नियुक्ति नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पहले 11 मार्च 2017 को अपनी राय प्रस्तुत की थी, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से कहा था कि सूर्यकांत द्वारा अर्जित संपत्तियों का स्वतंत्र मूल्यांकन होना चाहिए था।
बेटे को हाईकोर्ट में जज बनाने के लिए लॉबिंग
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आदर्श कुमार गोयल की नियुक्ति पर खुद भी आईबी ने हस्तक्षेप किया था और उन्हें भ्रष्टाचारी बताया था। जिसके बाद पुरूर राष्ट्रपति नारायणन ने वाजपेई सरकार में उनकी फाइल रोक दो थी। लेकिन पूर्व पीएम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा फाइल दोबारा भेजने पर नारायणन उसे नियमों की वजह से रोक न सके।
अब देखना यह है कि जस्टिस सूर्यकांत आदर्श कुमार गोयल के बेटे निखिल गोयल के जज बनने की फाइल रोक पाते हैं या नहीं जिन्हें 2018 में सह एडवोकेट जनरल हरियाणा बनाया गया था। यह वही वक्त था जब आदर्श गोयल ने जस्टिस सूर्यकांत के खिलाफ पत्र लिखा था। जिस वक्त यह पत्र लिखा गया आदर्श कुमार गोयल सुप्रीम कोर्ट में जज थे जिसके बाद सरकार ने उन्हें एनजीटी की चेयरमैनशिप सौंप दी।

