दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में शनिवार को शुरू हुए G20 Summit में दुनिया के ताकतवर नेता जुटे लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की गैरमौजूदगी ने सबका ध्यान खींच लिया। पहली बार अफ्रीका की धरती पर हो रही इस समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक विकास के पुराने नक्शे को बदलने की अपील की। उन्होंने चार महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। समिट का थीम ‘एकजुटता, समानता और स्थिर विकास’ रहा, जहां जलवायु संकट, कर्ज माफी और साफ ऊर्जा पर बात हुई।
ट्रम्प का बहिष्कार, रामाफोसा का ‘खाली कुर्सी’ वाला जवाब
अमेरिका ने समिट के एजेंडे को ‘अनुपयुक्त’ बताते हुए हिस्सा नहीं लिया। ट्रम्प ने दक्षिण अफ्रीका पर ‘सफेद किसानों के खिलाफ हिंसा’ जैसे झूठे आरोप लगाए। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने तंज कसते हुए कहा ‘अगर अमेरिका नहीं आया तो हम अगले साल की अध्यक्षता ‘खाली कुर्सी’ को सौंप देंगे।’ रॉयटर्स के रिपोर्ट के अनुसार, रामाफोसा ने अमेरिकी अधिकारी को सांकेतिक हस्तांतरण के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। व्हाइट हाउस ने इसे ‘झूठ’ बताया लेकिन ट्रम्प ने साफ कह दिया कि वे समिट को ‘अपमान’ मानते हैं।
ट्रम्प के अलावा चीन के शी जिनपिंग, रूस के व्लादिमीर पुतिन, अर्जेंटीना के जेवियर मिलेई, नाइजीरिया के बोला टिनूबू और मेक्सिको की क्लाउडिया शीनबाम भी नहीं आए। इनकी जगह विदेश मंत्री या अन्य अधिकारी गए।
मिलेई ने ट्रम्प का साथ देते हुए बहिष्कार किया, जबकि नाइजीरिया में हाल के अपहरण कांड ने टिनूबू को रोक लिया। फिर भी, 42 देशों ने हिस्सा लिया और ट्रम्प के बहिष्कार के बावजूद घोषणा पत्र पर सर्वसम्मति से मुहर लग गई। इसमें जलवायु परिवर्तन, गरीब देशों के कर्ज कम करने और साफ ऊर्जा के लिए फंडिंग पर जोर दिया गया। रामाफोसा ने कहा ‘हमारी एकजुटता मजबूत है, बहिष्कार हमें नहीं रोक सकता।’
मोदी का भाषण: पुराने विकास मॉडल को अलविदा, नई सोच लाएं
समिट के पहले सत्र में पीएम मोदी ने कहा ‘G20 ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को दिशा दी, लेकिन पुराने विकास के पैमानों ने लाखों लोगों को संसाधनों से वंचित कर दिया और प्रकृति का शोषण बढ़ाया। अफ्रीका पर इसका सबसे बुरा असर पड़ा है। अब समय है कि हम नए पैमाने बनाएं, जहां इंसान, समाज और पर्यावरण साथ-साथ बढ़ें।’ उन्होंने भारतीय दर्शन ‘अखंड मानववाद’ को रास्ता बताया, जो सबको साथ ले चले।
मोदी ने अफ्रीका के साथ भारत की मजबूत दोस्ती का जिक्र किया। याद दिलाया कि 2023 में भारत की G20 अध्यक्षता में अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्य बनाया गया। शुक्रवार को जोहान्सबर्ग पहुंचने पर स्थानीय कलाकारों ने जमीन पर लेटकर उनका स्वागत किया जो अफ्रीकी परंपरा का सम्मान है। ट्रम्प, पुतिन और जिनपिंग की अनुपस्थिति में मोदी समिट का सबसे चमकदार चेहरा बने। वे तीनों सत्रों आर्थिक विकास, जलवायु लचीलापन और AI में भारत का पक्ष रखेंगे।
अफ्रीका को मजबूत बनाने का भारत का प्लान
मोदी ने कहा ‘ये कदम अफ्रीका को मजबूत करेंगे, जो पूरी दुनिया के लिए जरूरी है।’ मोदी की द्विपक्षीय मुलाकातें: पुराने दोस्त, नई ऊर्जासमिट के इतर मोदी ने कई नेताओं से हाथ मिलाया। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा को गले लगाया जो पुरानी दोस्ती का प्रतीक था। इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी से बात की जहां यूरोपीय साझेदारी पर चर्चा हुई।
ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर से मिले और X पर लिखा ‘इस साल भारत-ब्रिटेन रिश्ते में नई ताजगी आई है, इसे और मजबूत करेंगे।’ संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से बात ‘बहुत उपयोगी’ रही। ब्रिटिश पीएम स्टार्मर ने कहा यूक्रेन के सहयोगी देश यहां रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने की अमेरिकी ‘पीस डील’ को मजबूत करेंगे।

