Miss Universe 2025 का भव्य फिनाले पूरा हो चुका है और इस बार विश्व सुंदरी का ताज मैक्सिको की 25 वर्षीय फातिमा बोश फर्नांडेज ने जीत लिया है। 90 से अधिक देशों की प्रतियोगियों को पछाड़ते हुए फातिमा ने अपनी खूबसूरती, आत्मविश्वास और बुद्धिमत्ता से सबको प्रभावित किया, साथ ही एक बड़े विवाद के बाद भी हार नहीं मानी और अंत में जीत हासिल की।
टॉप-5 में पहुंचने के बाद निर्णायक सवाल-जवाब राउंड में फातिमा से पूछा गया, ‘2025 में एक महिला होने की सबसे बड़ी चुनौतियां क्या हैं और आप मिस यूनिवर्स बनकर दुनिया को महिलाओं के लिए सुरक्षित जगह बनाने के लिए क्या करेंगी?’ फातिमा ने भावुक और दमदार अंदाज में जवाब दिया ‘महिलाएं बहादुर होती हैं और इतिहास बदलने की ताकत रखती हैं। मैं अपनी आवाज़ उन महिलाओं के लिए उठाऊंगी जो अपनी आवाज़ नहीं उठा पातीं।’ उनका यह जवाब जजों और दर्शकों के दिलों में उतर गया और उन्हें विश्व विजेता बना दिया।
फाइनल रिजल्ट
विजेता: मैक्सिको – फातिमा बोश फर्नांडेज
फर्स्ट रनर-अप: थाईलैंड – प्रवनीर सिंह
सेकंड रनर-अप: वेनेजुएला – स्टेफनी अबसाली
थर्ड रनर-अप: फिलीपींस – आतिसा मनालो
चौथी पोजिशन: कोट डी’वोआर – ओलिविया यासे
विवाद से जीत तक का सफर
प्रतियोगिता के दौरान 4 नवंबर को सैश सेरेमनी में मिस यूनिवर्स थाईलैंड के निदेशक नवात इतसराग्रिसिल ने फातिमा को प्रमोशनल इवेंट में न आने पर बेवकूफ कह दिया था। जब फातिमा ने विरोध किया तो उन्हें हॉल से बाहर करने की कोशिश की गई। इसके जवाब में सभी प्रतियोगिताएं जिनमें मिस यूनिवर्स 2024 भी शामिल थीं, सेरेमनी से वॉकआउट कर गईं। फातिमा ने कहा था ‘यह आत्मसम्मान का सवाल है, कोई हमारी आवाज़ नहीं दबा सकता।’
बाद में मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइजेशन ने नवात को सभी आधिकारिक गतिविधियों से हटा दिया और उनसे माफी मंगवाई। फातिमा ने इसी विवाद को अपनी ताकत बनाया और अंत में ताज जीतकर दुनिया को संदेश दिया कि गरिमा से बड़ा कोई क्राउन नहीं होता। बचपन में डिस्लेक्सिया और ADHD से जूझने वाली फातिमा बोश फर्नांडेज की यह जीत लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है कि मुश्किलों और बुलिंग के बावजूद सपने पूरे किए जा सकते हैं।
भारत की मनिका विश्वकर्मा टॉप-30 तक पहुंचीं
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं मनिका विश्वकर्मा ने प्री-कॉम्पिटिशन स्कोरिंग में शानदार प्रदर्शन करते हुए टॉप-30 में जगह बनाई। स्विमसूट और इवनिंग गाउन राउंड में भी उन्होंने सबका दिल जीता, लेकिन टॉप-12 में एंट्री के लिए जरूरी पॉइंट्स नहीं जीत पायीं फिर भी मनिका ने आत्मविश्वास और सशक्तिकरण के संदेश के साथ भारत का नाम ऊंचा किया।

