मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (kuno national park) में एक बार फिर खुशियों की लहर दौड़ गई है। भारत में जन्म लेने वाली पहली मादा चीता ‘मुखी’ ने पांच नन्हें शावकों को जन्म दिया। अभी सिर्फ 33 महीने की मुखी अब भारत में जन्मी पहली ऐसी मादा चीता बन गई हैं, जिसने खुद संतान को जन्म दिया है। मां और सभी पांच शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को इसे प्रोजेक्ट चीता की ऐतिहासिक सफलता बताया। इन पांच नए शावकों के साथ भारत में जन्मे चीतों की कुल संख्या 16 से बढ़कर 21 हो गई है। वर्तमान में कूनो नेशनल पार्क में कुल 27 वयस्क चीते हैं, जिनमें से 24 यहीं हैं जबकि नर चीते पावक, प्रभास और मादा धीरा को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित किया जा चुका है। नए शावकों को जोड़ते हुए अब कूनो में चीतों की कुल संख्या 32 हो जाएगी। यह लगातार तीसरी बार है जब कूनो में एक साथ पांच शावकों का जन्म हुआ है।

प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हुई थी, जब नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते कूनो लाए गए थे। तब से अब तक कई शावकों ने यहां जन्म लिया है। हालांकि इस दौरान कुछ चीतों और शावकों की मौत भी हुई, लेकिन बढ़ती आबादी ने साबित कर दिया है कि भारत की धरती एक बार फिर चीतों के लिए अनुकूल बन रही है। 70 साल बाद चीतों की वापसी का सपना अब साकार होता दिख रहा है।

