नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके पूर्व गृह मंत्री आसदुज्जमान खान कमाल को मानवता के विरुद्ध अपराधों में दोषी पाकर फांसी की सजा सुनाई है। वहीं, पूर्व पुलिस महानिदेशक अल ममून, जो मामले में सरकारी गवाह बन चुके हैं, को पांच वर्ष की कैद की सजा दी गई है।
कोर्ट ने इन्हें 2024 के अगस्त महीने में छात्रों के आंदोलन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं और हत्याओं का मुख्य सूत्रधार घोषित किया है। तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत भाग आईं थीं और पिछले 15 महीनों से यहीं रह रही हैं।
इस फैसले के बाद बांग्लादेश में पूरे देश में तनाव व्याप्त है और हिंसक घटनाएं बढ़ रही हैं। सरकार ने उच्च सतर्कता का ऐलान किया है, जबकि ढाका में करीब 15,000 पुलिस बल की तैनाती की गई है। आंदोलनकारियों पर गोली चलाने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
शनिवार की रात से रविवार की सुबह तक राजधानी ढाका में दो बसों को आग के हवाले कर दिया गया। सजा के बाद संभावित उग्रता को भांपते हुए पूरे देश में सुरक्षा इंतजामों को और सख्त कर दिया गया है।
बांग्लादेश की निर्वासित प्रधानमंत्री शेख हसीना दोषी को करार दिया गया है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने सोमवार को शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराधों का दोषी पाया। इसके साथ ही महीनों तक चली सुनवाई समाप्त हो गई, जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि उन्होंने पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह पर घातक कार्रवाई का आदेश दिया था।
पीटीआई के अनुसार , पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर फैसले का इंतज़ार है, जिन पर भी यही आरोप हैं। अभियोजक तीनों के लिए मृत्युदंड की मांग कर रहे हैं । विशेष न्यायाधिकरण द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने से कुछ घंटे पहले, राजधानी ढाका में रविवार को कई देसी बम विस्फोटों के बाद तनाव बढ़ गया है।
रॉयटर्स के अनुसार , पुलिस ने किसी हताहत की सूचना नहीं दी है, लेकिन इन विस्फोटों ने कई दिनों से जारी अशांति को और बढ़ा दिया है जिससे शहर असामान्य रूप से वीरान हो गया है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने आगजनी, विस्फोट या पुलिस व नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में शामिल किसी भी व्यक्ति को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं।
सेना की टुकड़ियां, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवान और दंगा पुलिस तैनात की गई है, जबकि अब भंग हो चुकी अवामी लीग ने दो दिन के बंद का आह्वान किया है।
बांग्लादेश के अपदस्थ प्रधानमंत्री सजीब वाजेद के बेटे और सलाहकार ने कहा है कि अगर उनकी राजनीतिक पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया, तो उनके समर्थक फरवरी में होने वाले राष्ट्रीय चुनाव में बाधा डालेंगे और चेतावनी दी है कि विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल सकते हैं।
वाजेद ने यह बात मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोपों पर न्यायाधिकरण द्वारा टेलीविजन पर प्रसारित किए जाने वाले फैसले से पहले कही, जिसमें 78 वर्षीय नेता को दोषी ठहराए जाने की उम्मीद है। हसीना अगस्त 2024 में बांग्लादेश छोड़कर भाग गई थीं और तब से नई दिल्ली में निर्वासन में रह रही हैं।

