नई दिल्ली। ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) ने केंद्र की NDA सरकार द्वारा लाए जा रहे बीज विधेयक 2025 के मसौदे की तीखी निंदा की है। संगठन का कहना है कि यह बिल छोटे और सीमांत किसानों को बर्बाद करने और देश के बीजों पर से किसानों का हक छीनकर बड़ी-बड़ी विदेशी और देसी कंपनियों के हाथ सौंपने की साजिश है।
किसान सभा का कहना है कि कंपनियां मनमाने ढंग से बीजों के दाम तय कर सकेंगी, इससे खेती की लागत बहुत बढ़ जाएगी। किसान अपने पुराने बीज बचाकर रखें या दूसरे किसानों से बदलकर इस्तेमाल करें, यह अधिकार भी छीन लिया जाएगा। देश की हजारों तरह की देसी किस्मों और बीजों की स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी।
क्या है मांग
किसान सभा की मांग है कि बीज विधेयक 2025 को तुरंत वापस लिया जाए। किसानों के हक में मजबूत कानून बनाया जाए, जिसमें वे अपने बीज बचाकर रख सकें और बांट सकें। भारत के बीज और जैव विविधता की पूरी रक्षा की जाए।
संगठन का कहना है कि यह लड़ाई भारतीय किसानों के वजूद और खेती की आजादी की लड़ाई है। अगर यह बिल पास हो गया तो आने वाली पीढ़ियों के हाथ से भी देसी बीज छिन जाएंगे।

