नई दिल्ली। लाल किले के करीब हुई कार बम विस्फोट की जांच में तीन डॉक्टरों सहित कुल चार संदिग्धों को सबूत न मिलने के कारण छोड़ दिया गया है। जांच अधिकारियों को इन लोगों और मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर उन नबी के बीच कोई पक्का जुड़ाव नहीं दिखा।
रिहा होने वालों में डॉक्टर रेहान, डॉक्टर मोहम्मद, डॉक्टर मुस्तकीम और खाद कारोबारी दिनेश सिंगला शामिल हैं। इन सभी को कुछ दिन पहले हरियाणा के नूह इलाके से पकड़ा गया था।
इंडिया टुडे के अनुसार ये डॉक्टर पहले उमर के संपर्क में रह चुके थे और फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े हुए थे। इनका आतंक से जुड़े पुराना बैकग्राउंड भी था। एनआईए यह भी देख रही थी कि धमाके में इस्तेमाल रसायन किसी खाद व्यापारी से तो नहीं खरीदा गया।
लेकिन तीन दिन तक सख्त पूछताछ के बाद भी इन चारों की संलिप्तता का कोई पुख्ता प्रमाण या डिजिटल ट्रेस नहीं मिला इसलिए इन्हें रिहा करना पड़ा।
10 नवंबर को लाल किले के पास एक ह्यूंडई i20 कार में हुए जोरदार विस्फोट से तेरह लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे। जांच में मुख्य आरोपी पुलवामा कश्मीर का रहने वाला अल फलाह विश्वविद्यालय में काम करने वाला डॉक्टर उमर उन नबी निकला।
जांच एजेंसी ने एक हाईली एजुकेटेड आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है जिसमें विश्वविद्यालय के डॉक्टर जैसे पढ़े लिखे प्रोफेशनल शामिल थे। छापों में करीब तीन हजार किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है। अधिकारियों को लगता है कि मॉड्यूल के पकड़े जाने की भनक लगते ही डॉक्टर उमर ने जल्दबाजी में धमाका कर दिया था।

