Kashmir Police Faridabad Raid: हरियाणा के फरीदाबाद शहर में एक सरकारी डॉक्टर के किराए के कमरे से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ और आधुनिक हथियार बरामद होने से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। यह मामला जम्मू-कश्मीर के एक डॉक्टर से जुड़ा है जो कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों की साजिश का हिस्सा निकला। जम्मू-कश्मीर पुलिस और फरीदाबाद पुलिस के संयुक्त अभियान में यह खुलासा हुआ जिससे एक बड़ा आतंकी नेटवर्क उजागर होने की आशंका बढ़ गई है।
गिरफ्तारी से शुरू हुई जांच, फरीदाबाद पहुंची पुलिस
मामला 7 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से शुरू हुआ। यहां जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. आदिल अहमद नाम के एक युवा डॉक्टर को हिरासत में लिया। आदिल मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले का रहने वाला है। शुरुआत में उसे श्रीनगर शहर में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टर लगाने के शक में पकड़ा गया। पुलिस को शहर के कई इलाकों में ये पोस्टर मिले थे और सीसीटीवी फुटेज से एक संदिग्ध व्यक्ति की पहचान हुई। जांच में पता चला कि यह व्यक्ति सहारनपुर के एक निजी अस्पताल में काम कर रहा डॉक्टर है।
पूछताछ के दौरान आदिल ने चौंकाने वाले राज खोले। उसने बताया कि वह हाल ही में अनंतनाग में छुट्टी पर गया था, जहां चुपके से जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार पोस्टर लगाए। सहारनपुर लौटकर उसने एक महिला डॉक्टर से निकाह कर लिया और हनीमून की तैयारी कर रहा था। लेकिन 27 अक्टूबर की रात को पुलिस ने उसे पकड़ लिया। स्थानीय अदालत से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद उसे जम्मू-कश्मीर ले जाया गया।
फरीदाबाद के किराए के कमरे में छिपा था खतरनाक जखीरा
आदिल की निशानदेही पर पुलिस हरियाणा के फरीदाबाद पहुंची। धौज गांव में तीन महीने पहले किराए पर लिया गया एक साधारण कमरा ही इस साजिश का केंद्र निकला। आदिल यहां खुद नहीं रहता था, बल्कि सिर्फ सामान रखने के लिए इस्तेमाल करता था। छापे में पुलिस को 360 किलो संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ, जो विस्फोटक बनाने के लिए इस्तेमाल होता है। यह आरडीएक्स जैसा शक्तिशाली पदार्थ नहीं है, लेकिन बड़े धमाके के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता था।
इसके अलावा, कमरे से एक असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, एक पिस्टल और सैकड़ों जिंदा कारतूस भी जब्त किए गए। सहारनपुर के अस्पताल के लॉकर से भी एक एके-47 राइफल बरामद हुई। कुल मिलाकर, दो एके-47 राइफलें और भारी मात्रा में गोला-बारूद इस नेटवर्क की पुष्टि करतें हैं।
फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह एक सुनियोजित मॉड्यूल का हिस्सा लगता है। दोनों राज्यों की पुलिस मिलकर आरोपी से सख्त पूछताछ कर रही है।
साथी डॉक्टर भी फंसा, UAPA के तहत केस
आदिल की पूछताछ से एक और नाम सामने आया- मुजाहिल शकील। यह भी एक डॉक्टर है, जिसे 7 नवंबर को ही पुलवामा से गिरफ्तार किया गया। दोनों के बीच गहरी सांठगांठ होने के संकेत मिले हैं। पुलिस ने गैर-कानूनी गतिविधि (निरोधक) कानून यानी UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इंडियन आर्म्स एक्ट 1959 के अनुसार, बिना लाइसेंस के ऐसी आधुनिक हथियार रखना गंभीर अपराध है, जिसकी सजा उम्रकैद तक हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, यह बरामदगी आतंकी गतिविधियों से सीधी जुड़ी हुई लग रही है।
सामान्य जिंदगी का नकाब, अंदर छिपी थी साजिश
डॉ. आदिल की जिंदगी बाहर से बिल्कुल सामान्य लगती थी। वह अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में प्रैक्टिस करता था लेकिन 2024 में इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सहारनपुर पहुंचा, जहां वी-ब्रॉस हॉस्पिटल और फिर फेमस हॉस्पिटल में नौकरी की। यहां के एडमिनिस्ट्रेटर ने बताया कि आदिल शांत स्वभाव का था, सिर्फ काम पर ध्यान देता था।
नौकरी से पहले उसकी सारी दस्तावेजों की जांच हुई थी- पता, मेडिकल डिग्री सब वैध थे। लेकिन अंदर ही अंदर वह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का काम भी करता था, जो अब संदिग्ध लग रहा है।पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक कहां से आया और इसका असल मकसद क्या था। क्या यह कश्मीर घाटी में बड़े हमले की तैयारी थी? आरोपी से पूछताछ जारी है, और सुरक्षा एजेंसियां पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए अलर्ट मोड में हैं।

