नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
बिहार चुनाव के बीचो बीच इसी शुक्रवार को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की दस लाख महिलाओं के बैंक खाते में शुक्रवार ‘को दस-दस हजार रुपये भेजे गए हैं। अब तक एक करोड़ 51 लाख महिलाओं के खाते में यह राशि भेजी जा चुकी है। विपक्ष की इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि सोशल मीडिया पर इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि जिन महिलाओं के आवेदन छह सितंबर के पहले प्राप्त हो गये थे, उन्हीं में से दस लाख महिलाओं के खाते में राशि भेजी गई है। जीविका की सदस्य बनी महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए दस-दस हजार रुपये दिये जा रहे हैं। बाद में महिलाओं के द्वारा शुरू किये रोजगार का आकलन कर और दो लाख रुपये तक की मदद उन्हें दी जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन गये।
यह राशि कभी भी वापस नहीं करनी है
जिलों से प्राप्त सवालों पर बिहार शासन ने स्पष्ट किया है कि महिला रोजगार योजना के तहत दिये गये दस हजार रुपये रोजगार शुरू करने के लिए हैं। इस राशि को वापस नहीं करनी है। यह राशि पूरी तरह से राज्य सरकार की ओर से अनुदान है। यह कोई ऋण नहीं है। इस राशि को किसी भी स्तर पर कभी भी वापस नहीं किया जाना है।
पात्र महिलाएं कभी भी इस योजना का लाभ ले सकती हैं। शेष महिलाओं को दिसंबर तक राशि देने का कैलेंडर जारी हुआ है। कहा जा रहा है कि बिहार के हर परिवार की एक महिलाओं योजना का लाभ ले सकेंगी।

