उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक ऐसी खबर जो अपराध की दुनिया से जुडी है ,जुर्म कितना भी सोचा-समझा हो, एक छोटी सी चूक सब उजागर कर देती है। कहते हैं न अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो वो हमेशा कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है। अलीगढ़ में ठीक यही हुआ। चार हिंदू युवकों ने अपने मुस्लिम पड़ोसियों को फंसाने के लिए मंदिरों पर ‘आई लव मोहम्मद’ के नारे लिखे, लेकिन एक स्पेलिंग मिस्टेक ने उनकी साजिश की पोल खोल दी। पुलिस ने अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
सितंबर 2024 अलीगढ़ के लोधा थाना क्षेत्र के गांव भगवानपुर और बुलाकगढ़ी में एक छोटा सा विवाद भड़क उठा, मुस्तकीम नाम के एक मौलवी, जो गांव की मस्जिद में बच्चों को धार्मिक शिक्षा देते थे, वो शाम को पास के जिरौली डोर गांव जा रहे थे। रास्ते में बुलाकगढ़ी के कुछ हिंदू बच्चों ने उनसे ‘राम-राम’ कहा। आरोप लगा कि मौलवी ने बच्चों को गाली दी। मौलवी के परिवार ने विरोध किया। बात कहासुनी से बढ़ी और दोनों पक्षों में ईंट-पत्थर चले।
इस झड़प के बाद दोनों पक्षों पर मुकदमे दर्ज हुए। चार्जशीट भी दाखिल हो गयी लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ, जीशांत कुमार और उसके साथी – आकाश कुमार, दिलीप कुमार, और अभिषेक सारस्वत को लगा कि मुस्लिम पड़ोसियों को फंसाकर बदला लिया जाए। इनका प्लान था, मंदिरों पर विवादास्पद नारे लिखकर पुलिस को गुमराह करना और हद तो ये कि नारे उनके ही गांव के मंदिरों पर लिखे गए, ताकि किसी को शक न हो और इस साजिश की ये प्लानिंग 15 दिन पहले ही हो चुकी थी।
जनवरी 2024 में भी इनका एक पुराना विवाद भी सामने आया था। भगवानपुर के राहुल के चाचा ने अपना मकान गुल मोहम्मद को बेच दिया था। राहुल हिस्से का दावा करके झगड़ा करता रहा। जनवरी में पथराव-मारपीट हुई जिसमें दिलीप, आकाश और अभिषेक भी नामजद हुए। राहुल अभी भी फरार है। इन पुराने घावों ने नई आग भड़का दी।
25 अक्टूबर, भगवानपुर में एक युवक की बर्थडे पार्टी चल रही थी। आरोपियों ने जमकर शराब पी। शराब कम पड़ गई तो दिलीप शराब की दुकान गया। वहां जीशांत ने उसे स्प्रे पेंट की बोतल लाने को कहा। रात 11 बजे तक नशे में चूर होकर चारों आरोपी निकल पड़े। दो बाइकों पर सवार होकर गभाना की तरफ से आए। पहले भगवानपुर के मंदिर पर, फिर बुलाकगढ़ी के मंदिरों पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा। लेकिन नशे की भूल ने सब बर्बाद कर दिया। स्पेलिंग गलत लिखी कहीं ‘मुहाद’, कहीं ‘मुमाद’।
सुबह होते ही हंगामा मच गया। एक हिंदू पक्ष ने मुस्लिम पड़ोसियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई,, पुलिस तुरंत पहुंची, दीवारें साफ कराईं, और लोगों को शांत किया, लेकिन एसएसपी नीरज जादौन को दाल में काला लगा,क्योंकि पिछले महीने बरेली और अन्य जिलों में ऐसे ही नारे मिले थे, लेकिन वहां स्पेलिंग सही थी। यहां सभी जगह एक जैसी गलती! गांव के बीचों-बीच ऐसी हरकत भी संदेह पैदा कर रही थी,पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस का सहारा लिया, सीसीटीवी, मोबाइल लोकेशन, और सबूत जुटाए।
शक पक्का होते ही छापेमारी शुरू की। जीशांत हरियाणा फरार था, आकाश हाथरस के जलेसर रोड पर छिपा था, दिलीप गाजियाबाद से मानेसर भागा लेकिन वहां पकड़ा गया, इसके बाद बाकी सब जल्द गिरफ्तार कर लिए गए। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया की ये उनका पुराना प्लान था और ये नशे में लिखा, पुलिस ने स्प्रे कैन भी बरामद किया। बीएनएस की धारा 299 (हत्या का प्रयास जैसा), 351(2) (आपराधिक धमकी), धोखाधड़ी और 7 सीएलए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर सभी जेल भेज दिए गए , एसएसपी नीरज जादौन ने कहा “नामजद मुस्लिम पक्ष की कोई भूमिका नहीं। वे पूरी तरह निर्दोष हैं, उनका नाम मुकदमे से हटा दिया जाएगा।”

