रायपुर। 6 महीने पहले इंसानियत को झकझोर देने वाले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान कश्मीरियत के साथ मानवता और बहादुरी की मिसाल पेश करने वाले हीरो नजाकत अली का छत्तीसगढ़ के चिरमिरी शहर में स्वागत किया गया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स में नजाकत अली के स्वागत का वीडियो वायरल हो रहा है।
चिरमिरी के लोगों ने नजाकत अली को फूलो की मालाओं से लाद दिया। चिरमिरी के स्थानीय लोगों ने कश्मीरी हीरो को ‘Hero of Humanity’ यानी कि ‘मानवता का नायक’ की उपाधि देकर सम्मानित किया।
नजाकत अली चिरमिरी में हर साल ठंड के मौसम में गर्म कपड़े बेचने के लिए आते हैं।
इस बार उनके आने की खबर जैसे ही स्थानीय लोगों तक पहुंची कि चिरमिरी में वही नजाकत अली आए हैं, जिन्होंने पहलगाम हमले के दौरान पर्यटकों की जान बचाई थी, तो सभी उनके पास पहुंचे।
सभी ने फूल मालाओं से नजाकत को लाद दिया और सभी उनके स्वागत में तालियां बजाने लगे। मीडिया भी पहुंचा तो नजाकत भावुक हो गए।
मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने जो किया, वह सिर्फ इंसानियत के नाते किया था। ऐसे हमलों के दौरान हिंदू-मुस्लिम या कश्मीरी-पर्यटक का भेद नहीं कर सकते थे। सभी इंसान थे और एक इंसान होने के नाते हर किसी की मदद करनी होती है।
नजाकत ने आगे कहा कि अगर दोबारा ऐसी स्थिति आती है तो वे फिर से वही करेंगे, जो उन्होंने पहलगाम में किया था।
पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेनाओं की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर उन्होंने कहा कि भारत शक्तिशाली देश है। और जो भी भारत पर हमला करेगा, उसका माकूल जवाब दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर वही जवाब था।
दरअसल, जिस वक्त पहलगाम हमला हुआ, उस वक्त चिरमिरी से भी पर्यटक पहलगाम गए हुए थे। हमले के दौरान चिरमिरी के लोग भी वहीं थे। शुरुआत में गोली चलने की आवाज समझ नहीं आई कि ऐसा कुछ हो सकता है, लेकिन जब लगातार गोलियां चलने लगी तो नजाकत ने चिरमिरी से गए पर्यटकों को झुकने को कहा और उनके बच्चों को अपने साथ ले जाकर उनकी जान बचाई।
चिरमिरी में कई सामाजिक संगठनों और युवाओं ने नज़ाकत अली को प्रेरणा स्रोत बताते हुए उनके साहस की सराहना की।
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के दौरान नज़ाकत अली ने निहत्थे होकर कई पर्यटकों की जान बचाई थी। उनके इस साहसिक कदम की सराहना देशभर में हुई थी।
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