नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। इस उड़ान के साथ ही पाकिस्तान के उस दावे की हवा भी निकल गई, जिसमें दावा किया गया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारतीय पायलट शिवांगी सिंह को पकड़ लिया था। दरअसल, इस दौरान पायलट शिवांगी राष्ट्रपति के साथ खड़ी नजर आईं।
उड़ान से पहले राष्ट्रपति ने जी-सूट पहना और सुबह 11:27 बजे विमान के अंदर से हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। अंबाला एयरबेस पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने करीब 30 मिनट की उड़ान में लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय की। विमान को ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया, जो 17वीं स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर हैं। राफेल ने 15 हजार फीट की ऊंचाई पर 700 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरी। फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल विमानों को सितंबर 2020 में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। पहले पांच राफेल विमानों को 27 जुलाई 2020 को फ्रांस से भारत लाया गया और 17वीं स्क्वॉड्रन गोल्डन एरोज में शामिल किया गया।
इससे पहले, 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से राष्ट्रपति मुर्मू ने सुखोई-30 एमकेआई विमान में उड़ान भरी थी। वह ऐसा करने वाली तीसरी राष्ट्रपति हैं। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः 8 जून 2006 और 25 नवंबर 2009 को पुणे के लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी।
राष्ट्रपति ने राफेल विमान से सफलतापूर्वक उड़ान भरी। स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह भारत की पहली महिला राफेल पायलट हैं। इस मौके पर दोनों के चेहरों पर मुस्कान थी।
शिवांगी सिंह को 2015 में फाइटर पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था। वह लगभग दो दशक से वायुसेना में उत्कृष्ट सेवा दे रही हैं। उनके पति भी फाइटर पायलट हैं। वह पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने फ्रांस निर्मित सिंगल-सीटर राफेल विमान उड़ाया।

