लेंस डेस्क। इजराइल और गाजा के बीच हाल ही हुए सीजफायर के बाद भी इजरायली हमले जारी हैं। मंगलवार रात इजराइल ने गाजा पर हवाई हमले किए, जिनमें 104 लोगों की जान चली गई। फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, मृतकों में 46 बच्चे और 20 महिलाएं थीं। इजराइली सेना ने बुधवार को घोषणा की कि वह गाजा में युद्धविराम का सम्मान करेगी।
यह हमला 10 अक्टूबर को हुए शांति समझौते के बाद इजराइल का सबसे बड़ा हमला था। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर युद्धविराम तोड़ने का इल्जाम लगा रहे हैं। इजराइल का दावा है कि फिलिस्तीनी उग्रवादियों के हमले में एक सैनिक की मौत हुई, जिसके जवाब में उसने हमला किया। इजराइली सेना ने कहा कि वह किसी भी उल्लंघन का सख्त जवाब देगी, लेकिन युद्धविराम का पालन जारी रखेगी।
10 अक्टूबर को लागू हुए इजराइल-हमास शांति समझौते का उद्देश्य अक्टूबर 2023 से चल रही हिंसा को रोकना और दोनों पक्षों के बीच शांति स्थापित करना था। लेकिन हाल की घटनाओं ने गाजा और इजराइल की नाजुक स्थिति को सामने ला दिया है।
इजराइल, हमास और अमेरिका तीनों ने दावा किया है कि शांति समझौता बरकरार है, लेकिन युद्धविराम के बावजूद नागरिकों की सुरक्षा, हवाई हमले और इजराइल-हमास के बीच तनाव ने क्षेत्र में अशांति बढ़ा दी है। गाजा में अभी भी 13 इजराइली बंधकों के शव मौजूद हैं।
हमास का कहना है कि गाजा में भारी तबाही के कारण शवों को ढूंढना मुश्किल हो रहा है, जबकि इजराइल का आरोप है कि हमास जानबूझकर देरी कर रहा है। बंधकों के शवों की वापसी में देरी युद्धविराम के अगले चरणों के लिए एक बड़ी बाधा बन रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि युद्धविराम को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि सैनिक की मौत के बाद इजराइल की जवाबी कार्रवाई उचित थी। ट्रंप ने कहा कि हमास को मध्य पूर्व में शांति का हिस्सा बनने के लिए जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।
इजराइली सेना का दावा है कि हमास ने येलो लाइन के भीतर सैनिकों पर हमला कर युद्धविराम का उल्लंघन किया। येलो लाइन वह सीमा है, जिसे समझौते में दोनों पक्षों ने तय किया था। वहीं, हमास ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया और कहा कि वह शांति समझौते का पालन कर रहा है।

