रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर, भारतमाला परियोजना में 43 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले ने नया मोड़ ले लिया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने भारत माला घोटाले (Bharatmala Scam) के आरोपी तीन पटवारियों को गिरफ्तार कर लिया है।
EOW ने नायकबांधा के तत्कालीन पटवारी दिनेश पटेल, टोकरो के तत्कालीन पटवारी लेखराम देवांगन और भेलवाडीह की तत्कालीन पटवारी बसंती धृतलहरे को गिरफ्तार किया है।
28 अक्टूबर को एसडीएम निर्भय साहू सहित सात वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
इस फैसले के बाद EOW को इन लोगों की गिरफ्तारी के लिए खुली छूट मिल गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में एफआईआर की मांगी है।
इस घोटाले में SDM, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, और पटवारी स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ भू-माफिया का एक बड़ा सिंडिकेट शामिल है।
जांच में खुलासा हुआ है कि अभनपुर के उरला, नायकबांधा, बिलासपुर के ढेका और दुर्ग जैसे क्षेत्रों में एक जमीन को 159 टुकड़ों में बांटकर फर्जीवाड़ा किया गया।
इस सिंडिकेट ने बैक-डेटेड एंट्री डालकर और एक ही प्लॉट पर 6-6 फर्जी नाम जोड़कर 29.5 करोड़ रुपये की जमीन का मुआवजा 78 करोड़ रुपये दिखाया, जिससे सरकार को 43 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
इस मामले में शामिल प्रमुख आरोपियों में पटवारी दिनेश पटेल, लेखराम देवांगन, और बसंती धृतलहरे का नाम सामने आया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भी इस घोटाले की शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद EOW ने अपनी जांच तेज कर दी।

