CG MLAs treatment: छत्तीसगढ़ के दो विधायक एक कांग्रेस से और एक भाजपा से स्वास्थ्य लाभ के लिए बेंगलुरु गए और स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद खर्चों के रीइंबर्समेंट के लिए स्वास्थ्य विभाग में इलाज का बिल लगाया और स्वास्थ्य विभाग से इस रीइंबर्समेंट को मंजूरी भी मिल गई लेकिन दिलचस्प यह है की जिस संस्थान से इलाज राशि को रीइंबर्समेंट की मंजूरी मिली है वह राज्य सरकार की मान्यता सूची में शामिल नहीं है; दरअसल वह अस्पताल नहीं बल्कि देश का एक महंगा नेचर क्योर सेंटर है।
यह मामला धरसींवा से भाजपा विधायक अनुज शर्मा और कसडोल से कांग्रेस विधायक संदीप साहू से जुड़ा है। यह दोनों ही विधायक करीब डेढ़ साल पहले बेंगलुरु स्थित जिंदल नेचर क्योर सेंटर में स्वास्थ्य लाभ के लिए गए थे। यह ऐसा संस्थान है जो प्राकृतिक इलाज के लिए जाना जाता है। इसका खर्च आमतौर पर उच्च आय वर्ग वाले ही वहन कर पाते हैं।

गौरतलब है कि विधायकों को निःशुल्क इलाज की पात्रता होती है लेकिन यह पात्रता छत्तीसगढ़ में अथवा छत्तीसगढ़ के बाहर उन्हीं अस्पतालों में दी जाती है जिसे छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा मान्यता दी गई हो। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों की सूची में जिंदल नेचर क्योर सेंटर का नाम नहीं है।

दरअसल इस सूची में केवल अस्पताल ही शामिल हैं। इस तरह के संभवतः किसी भी संस्थान को शासन की तरफ से मान्यता नहीं दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक इन दोनों ही विधायकों ने जिंदल नेचर क्योर में स्वास्थ्य लाभ लिया और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में रीइंबर्समेंट का क्लेम किया। इन सूत्रों का कहना है कि मामला विधायकों का था शायद इसलिए विभाग के उच्च अधिकारियों से ही अनदेखी हो गई और बिना मान्यता सूची देखे इनके क्लेम को मंजूरी दे दी गई। प्रक्रिया के तहत अब ये स्वीकृति विधानसभा में जाएगी और वहां से इन्हें इसका भुगतान होना है।

हालांकि इस मामले में इस बात की पुष्टि नहीं हो पा रही है कि दोनों विधायकों को क्लेम की राशि क्रमशः अनुज शर्मा – 1.98 लाख रुपए अनुज शर्मा और संदीप साहू -1 लाख रुपए संदीप साहू के खातों में जमा हुई है या नहीं। यह जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की थी कि वह क्लेम के इस प्रकरण को भली भांति जांच कर निर्णय लेता लेकिन स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अफसर इस मामले में प्रतिक्रिया देने के लिए उपलब्ध नहीं था।




द लेंस ने नोडल अफसर से लेकर स्वास्थ्य संचालक और स्वास्थ्य सचिव तक से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। लेकिन दोनों ही विधायकों ने साफगोई के साथ अपना पक्ष रखा। उनका कहना है कि अगर संस्थान को मान्यता ही प्राप्त नहीं होगी तो वह राशि रीइंबर्स नहीं होगी।

धरसींवा से बीजेपी विधायक अनुज शर्मा का कहना था कि “मैं डेढ़ साल पहले जिंदल नेचर क्योर गया था और उसके पहले भी मैं इसी संस्थान से इलाज करा रहा हूँ। चूंकि मैं नैचुरोपैथी में यकीन करता हूं और इससे मुझे फायदा भी हुआ है इसलिए मैं वहां गया था” । 1.98 लाख रूपये के बिल के सवाल पर उन्होंने कहा कि “मैंने विभाग में क्लेम किया है यदि नियमों के अंतर्गत आएगा तो उसका reimbursement किया जायेगा अभी राशि reimburse हुई है या नहीं इसकी मुझे जानकारी नहीं है।”

कसडोल से कांग्रेस विधायक संदीप साहू ने बताया कि “करीब डेढ़ साल पहले मैं इलाज कराने बैंगलोर के Jindal Naturecure Institute में गया था वहां मुझे फायदा भी मिला। इस इलाज से जुड़े 1 लाख रूपये के खर्च के बिल मैंने स्वास्थ्य विभाग में लगाए थे लेकिन राशि reimburse हुई या नहीं इसकी जानकारी नहीं है।”

