Cyclone Warning: रविवार की सुबह दिल्लीवासियों को इस मौसम की सबसे सर्द हवा ने जगाया। पिछले दो सालों में अक्टूबर का सबसे निचला तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ऊपर से हवा का हाल तो और भी खराब, कई जगहों पर प्रदूषण का स्तर ‘खतरनाक’ जोन में पहुंच गया। हिमालयी इलाकों में बर्फबारी से ठंड बढ़ी तो समुद्र तट पर चक्रवात ‘मोंथा’ की आहट ने तटीय राज्यों को सतर्क कर दिया। इन मौसमी बदलावों की खबर जानिये –
दिल्ली-NCR में ठंड और धुंध का डबल अटैक
सुबह की ठंड ने पार्कों और सड़कों को सुनसान कर दिया। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक हिमालय से आ रही ठंडी हवाओं ने तापमान को नीचे धकेल दिया। लेकिन असली चिंता की बात है हवा की क्वालिटी। आनंद विहार और वजीरपुर जैसे इलाकों में लगातार दूसरे दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से ऊपर रहा। पंजाब के कपूरथला में तो यह 1000 को पार कर गया, जो सबसे घातक स्तर है। इससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है।लोकल सर्कल्स के एक ताजा सर्वे से पता चला कि दिल्ली-NCR के 75 फीसदी परिवारों में कोई न कोई सदस्य बीमार है। 42 फीसदी घरों में गले में खराश या खांसी की शिकायत है, जबकि 25 फीसदी लोगों को आंखों में जलन, सिरदर्द या अनिद्रा सता रही है।
अच्छी बात ये है कि पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं 77.5 फीसदी कम हुई हैं लेकिन फिर भी हवा साफ नहीं हो पाई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक के मुताबिक पीएम 2.5 का स्तर 15 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए लेकिन दिल्ली में यह 24 गुना अधिक है।
इधर उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के करीब, 18,000 फीट की ऊंचाई पर बनी देवताल झील पूरी तरह बर्फ से ढक गई। अक्टूबर में ही इतनी बर्फबारी होना असामान्य है। इससे हिमालय से सटे राज्यों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में तापमान लगातार गिर रहा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न बदल रहे हैं जिससे ठंड जल्दी दस्तक दे रही है।
बंगाल की खाड़ी में ‘मोंथा’ तूफान की आहट
दक्षिणी भारत के लिए खतरा बन गया है, बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र तेजी से आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार 26 अक्टूबर तक यह गहरा दबाव बनेगा और 27 अक्टूबर की सुबह चक्रवात ‘मोंथा’ में बदल जाएगा। इसका नाम थाईलैंड ने सुझाया है, जिसका मतलब है ‘सुगंधित या सुंदर फूल’।
तूफान 28 अक्टूबर की शाम या रात को आंध्र के काकीनाड़ा तट से टकरा सकता है। हवाओं की रफ्तार 90-100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में भारी बारिश की चेतावनी है। तमिलनाडु के चेन्नई समेत कई इलाकों में भी 26 से 28 अक्टूबर तक जोरदार बारिश हो सकती है।
ओडिशा में हाई अलर्ट
चक्रवात के असर से सबसे ज्यादा प्रभावित ओडिशा है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने 27 से 29 अक्टूबर तक पूरी मुस्तैदी बरतने का ऐलान किया। पावर बोट, आउटबोर्ड मोटर, पावर कटर और पोर्टेबल लाइट्स जैसा सामान तैयार रखा गया है ताकि रात के अंधेरे में भी बचाव कार्य हो सके। तूफान का केंद्र बालासोर जिला के आसपास हो सकता है। 27-29 अक्टूबर तक यलो अलर्ट और 30 अक्टूबर को ऑरेंज अलर्ट है। सभी विभाग 24×7 सक्रिय हैं।
गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है, सूखा राशन बांटा जा रहा है और मछुआरों को समुद्र न उतरने की सलाह दी गई है। सभी सरकारी कर्मचारियों को 30 अक्टूबर तक मुख्यालय में रहने के आदेश दिए गए हैं। संवेदनशील जिले जैसे गंजम, गजपति, रायगढ़, कोरापुट और मलकानगिरी में विशेष निगरानी है। आंध्र में यनम और रायलसीमा क्षेत्रों के लिए यलो अलर्ट जारी है।

