रायपुर। छत्तीसगढ़ के 2003 बैच के आईपीएस रतन लाल डांगी पर लगे यौन शोषण के आरोपों के बाद अब एकाएक आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ उसके ही रिश्तेदार न केवल कूद पड़े हैं बल्कि उसके आरोपों को झूठा भी बता रहे हैं। दूसरी ओर शिकायतकर्ता, जो एक सब इंस्पेक्टर की पत्नी हैं, ने द लेंस से कहा कि उन पर श्री डांगी अथवा अन्य लोगों द्वारा लगाए जा रहे आरोप झूठे हैं। लेकिन, द लेंस से फोन पर हुई बातचीत में उस महिला ने यह भी कहा कि उन्होंने रतन लाल डांगी पर यौन शोषण का आरोप नहीं लगाया है।
इस महिला के आरोपों के बाद छत्तीसगढ़ की नौकरशाही खास तौर पर पुलिस महकमें में भूचाल आ गया था।
सबसे पहले रतन लाल डांगी पर महिला के आरोपों की खबर आती है। बताया जाता है कि महिला ने प्रदेश के डीजीपी अरुण देव गौतम को एक शिकायत पत्र देकर रतन लाल डांगी पर शारीरिक मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए। समाचारों में कहा गया कि महिला ने श्री डांगी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। लेकिन, अभी तक महिला द्वारा की गई शिकायत सार्वजनिक नहीं हुई है।
महिला की शिकायत की खबरें सामने आते ही रतन लाल डांगी ने समाचार प्रतिनिधियों से खुल कर बातचीत की और कहा कि यह महिला उन्हें लंबे समय से ब्लैकमेल कर रही है। जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस महानिदेशक से महिला द्वारा शिकायत किए जाने से पहले ही कर दी थी।
श्री डांगी की ओर से भी पत्रकारों को अपनी शिकायत की प्रति उपलब्ध नहीं करवाई गई, लेकिन उन्होंने फोन पर ही विस्तार से अपनी शिकायतों की जानकारी दी।
इसके बाद पुलिस मुख्यालय से एक प्रेस नोट जारी होता है, जिसमें यह जानकारी दी जाती है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की गई है। पुलिस मुख्यालय स्तर पर 2001 बैच के आईपींएस डॉ. आनंद छाबड़ा और आईपीएस मिलना कुर्रे इस समिति में है। कहा गया है कि जांच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रेस नोट के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
दिलचस्प यह है कि रतन लाल डांगी इस बात पर जोर देते हैं कि उन्होंने महिला की शिकायत से पहले ही पुलिस महानिदेशक से उस महिला के खिलाफ शिकायत कर दी थी।
पुलिस मुख्यालय का प्रेस नोट इस बात को तो दर्ज करता है कि महिला आवेदिका द्वारा रतन लाल डांगी के विरुद्ध शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के संबंध में शिकायत 15 अक्टूबर 2025 को पुलिस मुख्यालय को प्राप्त हुई। इस प्रेस नोट में रतन लाल डांगी द्वारा महिला के विरुद्ध ब्लैकमेल किए जाने की शिकायत का तो जिक्र है, लेकिन इस बात का जिक्र नहीं है कि श्री डांगी ने यह शिकायत कब की।
इस मामले में यदि पहली शिकायत का कोई महत्व है तो जानकार कहते हैं कि पुलिस मुख्यालय के सीसीटीवी कैमरे से इस बात का पता चल जाएगा कि शिकायत करने कौन पहले पहुंचा। लेकिन, महत्वपूर्ण यह है कि एक महिला ने आईजी के खिलाफ शिकायत की और पुलिस मुख्यालय उस शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने की बजाए पहले जांच के लिए एक कमेटी बिठा देता है।
पुलिस मुख्यालय की ओर से यह भी नहीं बताया गया कि यह जांच कब तक पूरी होगी और रिपोर्ट कब आएगी।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि महिला ने अपनी शिकायत के साथ कुछ ऐसी तस्वीरें भी संलग्न की हैं, जिन्हें देखकर यह तय हो जाएगा कि महिला की शिकायतें किस श्रेणी की हैं। लेकिन, दिलचस्प है कि जब द लेंस ने फोन पर उस महिला से संपर्क किया तो उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने श्री डांगी के विरुद्ध यौन प्रताड़ना की शिकायत की है।
इस मामले पुलिस सूत्रों से एक जानकारी यह भी मिली है कि महिला द्वारा अपनी शिकायत के साथ कथित तौर पर संलग्न की एक सीडी में सिर्फ रतन लाल डांगी ही नहीं बल्कि दो और वरिष्ठ आईपीएस अफसरों के साथ पार्टी करती हुई तस्वीरें हैं जिन्हें देखकर यह सवाल खड़ा होता है कि क्या वाकई यह महिला रतन लाल डांगी को ब्लैकमेल कर रही थी? इस वीडियो को देखने वाले दावा करते हैं कि वह माहौल बड़ा मित्रवत था।
वह महिला जिनका नाम और जिनकी पहचान हम प्रकाशित नहीं कर रहे हैं, कहती हैं कि मैंने क्या शिकायत की, यह आप पुलिस मुख्यालय से पता कर लीजिए।
इस शिकायतकर्ता महिला के विरुद्ध उनके कुछ परिजन सामने आए और उन्होंने इन पर श्री डांगी के विरुद्ध झूठी शिकायत करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह महिला अतीत में भी इस तरह के कृत्य कर चुकी हैं। लेकिन, जवाब में शिकायतकर्ता महिला भी यह कहती हैं कि उन पर आरोप लगाने वाले उनके इन परिजनों को दो साल की सजा भी हो चुकी है। लेंस इन दोनों पक्षों के आरोपों की पुष्टि नहीं कर सका, लेकिन इस बातचीत में शिकायतकर्ता महिला ने श्री डांगी द्वारा उन पर लगाए गए ब्लैकमेलिंग के आरोपों को झूठा कहा है।
इस मामले का सच जांच के बाद सामने आएगा, लेकिन एक सवाल यह भी है कि अपने ही आईजी के खिलाफ पुलिस मुख्यालय की ही जांच समिति क्या न्यायपूर्ण जांच कर पाएगी?
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