बिलासपुर . छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सरकंडा इलाके में अंधविश्वास (superstition) ने एक बार फिर क्रूर रूप दिखाया। एक भतीजे ने जादू-टोना के शक में अपनी बुआ की कुल्हाड़ी से निर्मम हत्या कर दी। बीच में उतरे फूफा को भी गंभीर चोटें आईं। यह घटना रात करीब 9 बजे घटी। पुलिस ने आरोपी को मौके से ही पकड़ लिया है।
कुल्हाड़ी बनी मौत का हथियार
पुलिस के मुताबिक, आरोपी रवि शर्मा अपनी बुआ गीता देवी के घर पहुंचा और बिना किसी बात के कुल्हाड़ी से हमला बोल दिया। गले पर कई वारों से गीता की मौके पर मौत हो गई। शोर सुनकर बुआ के पति रामकुमार दास दौड़े-दौड़े आए लेकिन रवि ने उन्हें भी नहीं बख्शा। फूफा पर भी कुल्हाड़ी चली और वे खून से लथपथ होकर गिर पड़े। रामकुमार को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि जान बचाने के लिए अभी ऑपरेशन जरूरी है।
पड़ोसियों की मदद से पकड़ा गया आरोपी
घटना की खबर फैलते ही इलाके के लोग इकट्ठा हो गए। चीख-पुकार सुनकर कईयों ने मदद की कोशिश की। पुलिस को सूचना मिली तो टीमें फौरन पहुंचीं। रवि भागने की कोशिश में था लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से उसे वही पकड़ लिया गया।
अंधविश्वास से जुड़ा है मामला
पूछताछ में रवि ने कबूल किया कि वह लंबे समय से बुआ पर जादू-टोना का इल्जाम लगाए हुए था। उसके मुताबिक, बुआ के ‘काले जादू’ की वजह से उसके घर के बच्चे बार-बार बीमार पड़ रहे थे। इसी गुस्से और डर में उसने यह कदम उठाया। रवि का यह बयान सुनकर पुलिस वाले भी सन्न रह गए। पुलिस ने रवि के खिलाफ हत्या और हत्या की कोशिश के आरोप में केस दर्ज कर लिया। जांच चल रही है, और जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होगी।

अंधविश्वास निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्रा ने ‘द लेंस’ से कहा “जादू-टोना जैसी धारणाएं पूरी तरह अंधविश्वास हैं। बीमारियों के पीछे कई वैज्ञानिक वजहें हो सकती हैं, और इन काल्पनिक मान्यताओं का कोई ठोस आधार नहीं होता। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर किसी रोग के बारे में ज्यादा न पता हो, तो जानकार से पूछें अस्पताल जाएं और सही इलाज करवाएं। डॉ. मिश्रा ने चेताया कि कोई भी महिला टोनही नहीं होती, इसलिए अंधविश्वास के जाल में फंसकर कानून अपने हाथों में न लें।”

