[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
‘भूपेश है तो भरोसा है’ फेसबुक पेज से वायरल वीडियो पर FIR, भाजपा ने कहा – छत्तीसगढ़ में दंगा कराने की कोशिश
क्या DG कॉन्फ्रेंस तक मेजबान छत्तीसगढ़ को स्थायी डीजीपी मिल जाएंगे?
पाकिस्तान ने सलमान खान को आतंकवादी घोषित किया
राहुल, प्रियंका, खड़गे, भूपेश, खेड़ा, पटवारी समेत कई दलित नेता कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में
महाराष्ट्र में सड़क पर उतरे वंचित बहुजन आघाड़ी के कार्यकर्ता, RSS पर बैन लगाने की मांग
लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर AC बस में लगी भयानक आग, 70 यात्री बाल-बाल बचे
कांकेर में 21 माओवादियों ने किया सरेंडर
RTI के 20 साल, पारदर्शिता का हथियार अब हाशिए पर क्यों?
दिल्ली में 15.8 डिग्री पर रिकॉर्ड ठंड, बंगाल की खाड़ी में ‘मोंथा’ तूफान को लेकर अलर्ट जारी
करूर भगदड़ हादसा, CBI ने फिर दर्ज की FIR, विजय कल पीड़ित परिवारों से करेंगे मुलाकात
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
छत्तीसगढ़

तो ऐसी स्थिति में बे‍टी नहीं होगी पिता की संपत्ति की हकदार, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: October 24, 2025 9:33 PM
Last updated: October 24, 2025 9:33 PM
Share
Chhattisgarh High Court decision
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

बिलासपुर। यदि पिता की मृत्यु 1956 से पहले हुई हो, तो बेटी संपत्ति में हिस्सा नहीं मांग सकती। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के एक मामले में सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

कोर्ट ने साफ किया कि मिताक्षरा कानून के तहत, यदि पिता की मृत्यु के समय उनका कोई पुत्र जीवित हो, तो बेटी को संपत्ति में कोई अधिकार नहीं मिलता। बेटी को संपत्ति का अधिकार तभी मिल सकता है, जब कोई पुत्र न हो।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, “मिताक्षरा कानून के तहत यदि कोई हिंदू व्यक्ति 1956 से पहले मर जाता है, तो उसकी स्व-अर्जित संपत्ति पूर्ण रूप से उसके पुत्र को मिलती है। बेटी को ऐसी संपत्ति में अधिकार तभी मिल सकता है, जब कोई पुरुष संतान न हो।

हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 1929 ने पुत्र के पूर्ण अधिकार को प्रभावित नहीं किया। इसने केवल उन मामलों में कुछ महिला वारिसों और बहन के पुत्र को शामिल किया, जब कोई पुरुष वारिस न हो।” कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में, चूंकि सुधिन की मृत्यु 1956 से पहले हुई थी और वह मिताक्षरा कानून के अधीन थे, उनकी संपत्ति उनके पुत्र बैगदास को मिली।

क्‍या था मामला

न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास ने 13 अक्टूबर को दिए गए फैसले में निचली अदालतों के निर्णय को सही ठहराया। यह मामला छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में सुधिन की पैतृक संपत्ति से संबंधित था, जिसमें उनकी बेटी रगमनिया ने हिस्सेदारी मांगी थी।

रगमनिया ने 2005 में एक सिविल मुकदमा दायर कर संपत्ति में हिस्सा और स्वामित्व की मांग की थी। लेकिन चूंकि सुधिन की मृत्यु 1950-51 में हो गई थी, इसलिए निचली और अपीलीय अदालतों ने उनके दावे को खारिज कर दिया, क्योंकि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम लागू नहीं था।

उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के अरशनूर सिंह बनाम हरपाल कौर (2020) और अरुणाचला गौंडर बनाम पोनुसामी (2022) के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि 1956 से पहले किसी हिंदू पुरुष की संपत्ति केवल पुरुष वारिसों को मिलती थी। बेटी को हिस्सा तभी मिल सकता है, जब कोई पुत्र न हो।

चूंकि सुधिन के एक पुत्र जीवित थे, इसलिए रगमनिया का संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं था। कोर्ट ने निचली अदालतों के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि उन्होंने कानून का उचित उपयोग किया।

TAGGED:BilaspurChhaattisgarhChhattisgarh High Court decisionfather property
Previous Article अंधविश्वास की भेंट चढ़ी बुआ,भतीजे ने कुल्हाड़ी से काटा गला, फूफा भी घायल
Next Article 112 drug samples fail 112 दवाओं के नमूने फेल, छत्तीसगढ़ में नकली भी मिली
Lens poster

Popular Posts

आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती, लोन हो सकते हैं सस्ते

आरबीआई जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है उसे कहते हैं रेपो रेट…

By The Lens Desk

अब कांकेर में BSF कैंप में नक्सलियों का सरेंडर, जंगल से दो बस भरकर लाए गए माओवादी, कैंप हाई अलर्ट पर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में 100 से ज्यादा नक्सलियों के सरेंडर करने की चर्चा…

By दानिश अनवर

वार्ता के लिए हथियार छोड़ने काे तैयार हुए नक्सली, एक महीने का मांगा समय

रायपुर। फोर्स के एंटी नक्सल ऑपरेशन तेज करने के बीच नक्सलियों ने एक बार फिर…

By दानिश अनवर

You Might Also Like

Godawari Plant Accident
छत्तीसगढ़

गोदावरी फैक्ट्री हादसे के बाद पैलेट प्लांट में रोका गया प्रोडक्शन, घायलों को अब तक मुआवजा नहीं

By दानिश अनवर
EOW
छत्तीसगढ़

निरंजन दास को EOW ने कोर्ट में किया पेश, कारोबारी नितेश पुरोहित और यश पुरोहित भी गिरफ्तार

By दानिश अनवर
Congress Politics
छत्तीसगढ़

भूपेश को नेतृत्व देने के चौबे के बयान से खलबली, बैज बोले – बहुत ज्ञानी हैं, TS बोले – दोनों के अच्छे संबंध हैं

By दानिश अनवर
छत्तीसगढ़

स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल के निजी सहायक ने मनाया सड़क पर अपनी पत्नी का बर्थडे, FIR दर्ज

By पूनम ऋतु सेन

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?