बांसवाड़ा। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में दिवाली की चमकदार रात एक परिवार के लिए काली रात बन गई। नेशनल हाईवे-56 पर भगतपुरा पेट्रोल पंप के पास दो बाइकों की जबरदस्त भिड़ंत में तीन नौजवानों की जान चली गई। इस हादसे ने एक पिता के दिल को चूर-चूर कर दिया।(Banswara Three youths died in bike accident on Diwali night) एंबुलेंस चालक घायलों की मदद के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें पता ही न चला कि जिस शव को वे अस्पताल ले जा रहे हैं, वह उनका अपना इकलौता बेटा है।
दिवाली की शाम को खुशियां मना रहे ये तीन युवक घर लौट रहे थे लेकिन अचानक उनकी बाइकें आपस में टकरा गईं। हादसा इतना भयानक था कि तीनों मौके पर ही दम तोड़ चुके थे। स्थानीय लोग और राहगीरों ने तुरंत मदद मांगी। करीब 100 मीटर दूर रहने वाले एंबुलेंस ड्राइवर जेफरीन को कॉल आया। वे फौरन अपनी गाड़ी लेकर पहुंचे और लहू से लाल हो चुके शवों को सावधानी से उठाया। चोटें इतनी गहरी थीं कि चेहरे की शक्ल ही बदल चुकी थी जेफरीन को जरा भी शक न हुआ। वे शवों को एंबुलेंस में लादकर बांसवाड़ा के अस्पताल की मोर्चरी ले गए। वहां डॉक्टरों को सौंपकर राहत की सांस ली और थके-हारे घर लौट आए लेकिन घर का दरवाजा खोलते ही फोन की घंटी बजी। थाने से खबर आई हादसे में मरने वालों में उनका 17 साल का बेटा ऐरोन भी था।
ऐरोन 11वीं कक्षा का छात्र था और भगतपुरा के पठानपुरा गांव का रहने वाला था ये खबर सुनकर जेफरीन के पैरों तले आसमान टूट पड़ा। जिस बेटे को उन्होंने अभी-अभी मोर्चरी में छोड़ा था वह उनका अपना खून था। यह खबर सुनकर जेफरीन और उनके परिवार का रोना-पटकना देखकर आसपास के लोग भी भावुक हो गए।

