नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
भारत ने शनिवार को कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी द्वारा नई दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को न बुलाने में उसकी कोई भूमिका नहीं थी। महत्वपूर्ण है कि महिला पत्रकारों को प्रतिबंधित करने से देश भर में भारी नाराजगी है।
यह घटना ऐसे समय हुई जब आमिर खान मुत्तकी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करते हैं और भारत चार साल बाद अफगानिस्तान में दूतावास खोलने पर राजी हो गया है।
इस घटना के बाद भेदभावपूर्ण व्यवहार को लेकर सोशल मीडिया पर भारी हंगामा मच गया और कई विपक्षी नेताओं ने कार्यक्रम में महिलाओं पर प्रतिबंध को लेकर केंद्र से सवाल किया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “जब आप सार्वजनिक मंच से महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे होते हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के मामले में बहुत कमजोर हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। इस तरह के भेदभाव पर आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों के खोखलेपन को उजागर करती है।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह तालिबान की विचारधारा को भारत में जगह देना है। आरजेडी के लोकसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि डिप्लोमेसी के नाम पर भेदभाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।

प्रियंका ने मांगा स्पष्टीकरण, महुआ ने भाजपा को कहा पाखंडी

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री मोदी से इस घटना पर अपनी स्थिति “स्पष्ट” करने का अनुरोध किया। उन्होंने पूछा कि ” महिलाएँ हमारे देश की रीढ़ और गौरव हैं, भारत की कुछ सबसे प्रबुद्ध महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया गया।”
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, “सरकार ने तालिबानी मंत्री को महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर रखने की अनुमति देकर हर भारतीय महिला का अपमान किया है। यह रीढ़विहीन पाखंडियों का शर्मनाक समूह है।”
चिदंबरम ने कहा पुरुष पत्रकारों को करना था बहिष्कार
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि महिलाओं को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं है, तो उन्हें इसका विरोध करना चाहिए था उन्होंने कहा, “मैं इस बात से स्तब्ध हूँ कि अफ़ग़ानिस्तान के अमीर ख़ान मुत्तक़ी द्वारा संबोधित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया। मेरे निजी विचार से, जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को शामिल नहीं किया गया, तो उन्हें वहाँ से चले जाना चाहिए था।”
भारत काबुल में खोलेगा दूतावास

गुरुवार को दिल्ली पहुँचे मुत्ताकी की यह यात्रा किसी तालिबानी विदेश मंत्री की पहली यात्रा है। 2021 में अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से, उसके साथ राजनयिक संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में पहले कदम के रूप में भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह काबुल स्थित अपने तकनीकी मिशन को दूतावास का दर्जा देगा। मुत्ताकी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के चरणबद्ध प्रयासों के तहत, काबुल भारत में राजनयिक भेजेगा।