लेंस डेस्क। इक्वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ पर बुधवार को एक संगठित हमला हुआ जब उनके काफिले पर सैकड़ों की संख्या में उग्र प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की।
यह घटना कनार प्रांत के सिग्सिहुआयको इलाके में घटी जहां नोबोआ एक जल शुद्धिकरण संयंत्र का उद्घाटन करने जा रहे थे। वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि सड़क के दोनों ओर खड़ी भीड़ ने झंडे लहराते हुए काफिले को घेर लिया और ईंट पत्थरों की बौछार कर दी जिससे राष्ट्रपति की बख्तरबंद गाड़ी के शीशे चटक गए।
अधिकारियों का कहना है कि गाड़ी पर गोली के निशान भी मिले हैं लेकिन नोबोआ और उनके साथी बाल बाल बच गए।इस हमले की जड़ें इक्वाडोर सरकार की हालिया नीतियों में छिपी हैं खासकर डीजल ईंधन पर सब्सिडी समाप्त करने के फैसले में जो सितंबर के मध्य में लिया गया।
यह कदम सरकार के मुताबिक सालाना 1.1 अरब डॉलर बचाएगा जो सुरक्षा और सामाजिक योजनाओं में लगाया जाएगा लेकिन विपक्षी गुटों और आदिवासी समुदायों का आरोप है कि इससे जीवनयापन की लागत बढ़ जाएगी खासकर छोटे किसानों और परिवहन क्षेत्र पर।
राष्ट्रीय आदिवासी महासंघ कोनाई ने 16 दिनों से हड़ताल और सड़क जाम चला रखा है और सरकार से बातचीत की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि यह एक शांतिपूर्ण विरोध था लेकिन राष्ट्रपति कार्यालय ने इसे ड्रग माफिया और आतंकी गुटों से प्रेरित बताते हुए अस्थिरता फैलाने की साजिश करार दिया है।
इक्वाडोर जैसे देश जहां कोलंबिया और पेरू के बीच कोकीन का बड़ा रास्ता है वहां हिंसा का यह उभार चिंता की घंटी बजा रहा है।
घटना के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने त्वरित कार्रवाई की और मौके से पांच संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। इन पर आतंकवाद और हत्या के प्रयास के आरोप लगाए गए हैं जिनकी सजा 30 साल तक हो सकती है।
पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल कर भीड़ को तितर बितर किया जबकि कुछ प्रांतों में आपातकाल लागू कर शांति बहाल करने की कोशिश की गई। कोनाई ने गिरफ्तारियों को मनमाना बताया और बुजुर्ग महिलाओं पर कथित तौर पर अत्याचार का वीडियो साझा किया लेकिन सरकार ने इसे कानूनी कार्रवाई करार दिया।
हमले के बाद राष्ट्रपति ने क्या कहा?
राष्ट्रपति नोबोआ ने हमले के बाद एक छात्र समारोह को संबोधित करते हुए कड़ा संदेश दिया कि ऐसी हिंसा नई इक्वाडोर में बर्दाश्त नहीं होगी और कानून सब पर लागू होगा।
उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा का रास्ता चुनेंगे उन्हें अपराधी की तरह सलाखों के पीछे डाला जाएगा। उनके कार्यालय ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे कायराना हरकत बताया और कहा कि इससे राष्ट्रपति का हौसला नहीं टूटेगा।
विदेशी सरकारों जैसे कोस्टा रिका और होंडुरास ने भी इसकी निंदा की है जबकि अमेरिकी राज्यों के संगठन ने इसे लोकतंत्र पर हमला कहा। यह घटना इक्वाडोर की उथल पुथल वाली राजनीति को और उजागर करती है जहां नीतिगत बदलाव और सुरक्षा चुनौतियां आमने सामने हैं।