रायपुर। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सिरप नहीं देने की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी का मानना छत्तीसगढ़ में अनिवार्य कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) और सिविल सर्जनों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।
मध्यप्रदेश में 16 बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने फैसला लिया था। इसके बाद ही छत्तीसगढ़ में इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।
CMHO और सिविल सर्जनों को जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी शासकीय और निजी स्वास्थ्य संस्थानों में भारत सरकार की इस गाइडलाइन का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।
इस आदेश के अलावा स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी जिलास्तरीय विभागीय अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं कि खांसी या सर्दी की दवाओं का उपयोग केवल चिकित्सकीय परामर्श पर आधारित होना चाहिए, तथा इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।
भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव ने 5 अक्टूबर को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के पश्चात, छत्तीसगढ़ में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी निगरानी और कार्रवाई को तेज कर दिया है। राज्यभर में औषध निर्माण इकाइयों का जोखिम-आधारित निरीक्षण करने के लिए औषधि निरीक्षकों के दल गठित किए गए हैं।
प्रदेश के सभी सहायक औषधि नियंत्रकों और औषधि निरीक्षकों को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि वे सभी औषधि विक्रय संस्थानों का तत्काल निरीक्षण करें, ताकि एडवाइजरी के उल्लंघन की कोई संभावना न रहे। इसके साथ ही निजी फार्मेसियों का आकस्मिक निरीक्षण भी किया जा रहा है।
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