नई दिल्ली। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद की इस महीने होने वाली भारत यात्रा से पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में उनसे मुलाकात की है। इस यात्रा का उद्देश्य देशों के बीच बिगड़े संबंधों को सुधारने और “पुनर्निर्माण” में मदद करना है। इस यात्रा से पहले कनाडा द्वारा बिश्नोई गिरोह को आतंकी समूह घोषित किए जाने पर तमाम तरह की चर्चाएं हैं।
सोमवार को, कनाडा सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को, जिसके सदस्यों पर निज्जर हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप है, एक ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया, जो कनाडा में ‘विशिष्ट समुदायों’ के खिलाफ धमकी और हिंसा के लिए जिम्मेदार है।
2024 में, हत्या की जांच कर रही रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने कहा कि उनका यह भी मानना है कि बिश्नोई गिरोह ‘भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा हुआ है।’
कनाडाई अधिकारियों ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए चार भारतीयों पर आरोप लगाए हैं, जिनकी जून 2023 में टोरंटो क्षेत्र में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, और उनका मुकदमा 2026 में शुरू होने की उम्मीद है। अनिता आनंद ने कहा है कि कि भारत सरकार अब निज्जर मामले की जांच में सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है।
कूटनीतिक संबंध सुधारने आ रही अनीता
रविवार को एक कनाडाई टीवी शो को दिए साक्षात्कार में, सुश्री आनंद ने कहा कि वह अपनी भारत यात्रा के दौरान ‘कूटनीतिक संबंधों में अगले कदमों’ पर चर्चा करेंगी।
उन्होंने कहा कि अगस्त में दिल्ली में कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया सलाहकार क्रिस्टीन ड्रोइन और विदेश उप मंत्री डेविड मॉरिसन तथा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के बीच हुई बैठकों का उद्देश्य ‘यह सुनिश्चित करना था कि प्रत्यर्पण से जुड़ी वार्ता आगे बढ़े।’
इस बीच, अमेरिका में, अधिकारियों ने न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले की अदालत में पूर्व-परीक्षण साक्ष्य दस्तावेजों का एक नया सेट दायर किया।
इनमें पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के खुफिया अधिकारी विकास यादव, जो भारत में हिरासत में हैं, और व्यवसायी निखिल गुप्ता, जो अब अमेरिका की हिरासत में हैं, के बीच ईमेल और सोशल मीडिया संदेशों से कई तस्वीरें और दस्तावेज शामिल हैं, जिन पर 2024 में भारत में वांछित खालिस्तानी कार्यकर्ताओं पर कई हमलों की योजना बनाने का आरोप लगाया गया है।
दस्तावेजों में सिख फॉर जस्टिस अलगाववादी समूह के संस्थापक हरजीत निज्जर और गुरपतवंत पन्नू का जिक्र है, और पहली बार ‘नेपाल और पाकिस्तान’ में रह रहे व्यक्तियों पर साजिशों के सबूतों का भी उल्लेख है। इसमें 2013 में रॉ के साथ श्री यादव की नौकरी से संबंधित दस्तावेज भी शामिल हैं।
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