रायपुर। पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकी राम कंवर ने एक बार फिर कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत को घेरा है। इस बार भाजपा नेता ने कलेक्टर की पत्नी संविदा चिकित्सक डॉ. रूपल का नाम लेकर कलेक्टर पर अपनी पत्नी को लाभ दिलाने का आरोप लगाया है। कलेक्टर ने पत्नी की संविदा नौकरी से संबंधित जानकारी जिला जन संपर्क के जरिए जारी कराई है।
इसी को लेकर ननकी राम कंवर ने पत्र लिखा। पत्र में भाजपा नेता ने कहा कि अपने पत्नी के मामले की सफाई तो दे दी, लेकिन शिकायत के बाकी 13 बिंदुओं पर उसी तत्परता से अब तक जवाब क्यों नहीं दिया।
ननकी राम कंवर ने कलेक्टर अजीत वसंत को अब एक और चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कलेक्टर पर अपनी पत्नी से जुड़ी जानकारी मीडिया पोर्टल में डाल कर जांच के पूर्व ही पर्दा डालने का आरोप लगाया है।
पूर्व गृह मंत्री ने लिखा है कि कोरबा कलेक्टर या उनके कार्यालय में मैंने किसी भी तरह की शिकायत नहीं की, बल्कि कलेक्टर के खिलाफ सरकार से शिकायत की है। जिसके खिलाफ मैंने शिकायत की है, उसी शख्स ने मेरे शिकायत पत्र को आधार बनाकर अपनी पत्नी से जुड़ी जनसंपर्क अधिकारी कमल ज्योति के जरिए सार्वजनिक की गई।
भाजपा नेता ने कलेक्टर को लिखी चिट्टी में कहा है कि सावर्जनिक की गई जांच रिपोर्ट में 12 महीने में 623 ऑपरेशन और दो सौ मरीजों को हर महीने ओपीडी में देखे जाने का दावा किा गया है। इमरजेंसी डयूटी की संख्या 72 बताई गई है। उसमें यह भी स्पष्ट किया जाए कि किस किस मरीज का ऑपरेशन या उपचार किया गया है, उनके नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित जानकारी बता दी जाए।
इसके अलावा यह भी सवाल किया है कि संविदा नियुक्ति की किस अखबार में भर्ती की सूचना प्रकाशित कराई गई। इसके अलावा विभाग ने भर्ती शर्तों सहित जारी विज्ञापन, वेतन भुगतान मद की भी जानकारी मांगी है। साथ ही यह भी पूछा है कि क्या कलेक्टर अपने परिवार के किसी भी सदस्य को अपने अधीनस्थ जिले में लाभ दिला सकता है? इसकी जानकारी भी सावर्जनिक करने की मांग की है।
इसके साथ ही यह भी कहा है कि मेरी शिकायत का आधार बनाकर जांच रिपोर्ट की कॉपी प्रतिलिपि के तौर पर मुझे नहीं देकर सार्वजनिक किया जाना जांच रिपोर्ट में संदेह को बढ़ाता है।
152 लोगों का काल्पनिक मुआवजा किसको दिया
सार्वजनिक की गई जांच के आधार पर ननकी राम कंवर ने लिखा कि जिस तत्परता से मेरी शिकायत को आधार बनाकर डॉ. रूपल की जानकाारी सार्वजनिक कराकर जांच में पर्दा डालने का काम किया जा रहा है। उसी तत्परता से मैं चाहता हूं कि मेरी शिकायत में उल्लेखित 13 अन्य बिंदुओं की भी जांच कराकर उसे सार्वजनिक किया जाए।
उन्होंने लिखा कि 152 लोगों का काल्पनिक मुआवजा किन किन लोगों को और कितना दिया गया, यह भी स्पष्ट करें। मुआवजा लेने वालों के नाम सावर्जनिक की जाए और गलत मुआवजा बनवाने से संबंधित दोषी अफसर कौन कौन हैं और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
इसके अलावा फ्लोरामेक्स के नाम पर ठगी हुई 40 हजार महिलाओं के नाम सावर्जनिक किए जाने की मांग की है। इसके अलावा किस किस बैंक से कितना कितना लोन लिया गया है, यह भी बताया जाए। कुल कितनी राशि निवेश हुई है, महिलाओं पर वर्तमान में ब्याज सहित कितनी राशि देय है, जैसी सारी जानकारी सार्वजनिक की जाए।
इन सभी आरोपों को लेकर जब द लेंस ने कलेक्टर अजीत वसंत को फोन लगाया तो कलेक्टर ने पहले तो फोन उठाया। इसके बाद जब उनसे ननकी राम कंवर के पत्र के संबंध में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने ननकी राम कंवर का नाम सुनते ही फोन काट दिया।
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