रायपुर। पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता ननकी राम कंवर इन दिनों सरकार के खिलाफ मुखर हैं। कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत को हटाने की मांग पूरी न करने पर 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास के सामने धरने के ऐलान के बाद श्री कंवर ने भ्रष्टाचार के एक और मामले को उजागर किया है।
भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले को उजागत करते हुए पूर्व गृह मंत्री ने अपने आरोपों के साथ सरकार को चिट्ठी लिखी है।
ननकी राम कंवर ने इस बार श्रम विभाग में छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी बीमा निगम द्वारा ब्रांडेड दवाईयों की खरीदी व लिखने पर रोक का मुद्दा उठाया है। श्री कंवर ने आरोप लगाया है कि खरीदी पर रोक और डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन में इन दवाईयों को नहीं लिखने के आदेश के बाद भी 50 करोड़ रुपए से अधिक की दवाईयां खरीद ली गई हैं। इसमें करीब 30 करोड़ का भ्रष्टाचार किया गया है।


इस बार वरिष्ठ भाजपा ने श्रम विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता को यह पत्र लिखा है।
श्री कंवर ने लिखा कि श्रम विभाग के छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी बीमा निगम में पंजीकृत श्रमिकों और उनके परिवार वालों का ईएसआईसी के अस्पताल और क्लीनिक में मुफ्त इलाज किया जाता है। इसके लिए ईएसआईसी दवाओं की खरीदी करता है। पिछले कई वर्षों से श्रम विभाग और ईएसआईसी के अफसर, कर्मचारी और दवा निर्माता मिलकर ब्रांडेड दवाईयों की खरीदी कर 30 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
अपने पत्र में श्री कंवर ने साफ तौर पर लिखा है कि ब्रांडेड दवाओं की खरीदी पर केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से रोक लगाई गई है। इसके बावजूद निगम ब्रांडेड दवाओं की खरीदी कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
श्री कंवर ने श्रम सचिव को लिखी चिट्ठी में बताया है कि प्रदेश में निगम की 40 क्लीनिक हैं। इनका काम पंजीकृत श्रमिकों और उनके परिवार वालों को मुफ्त सुविधाएं और दवाइयां उपलब्ध कराना है। इस सुविधा के लिए हर साल करीब 50 करोड़ की दवाईयां खरीदी जाती हैं, जो जेनेरिक दवाईयाें से 60 से 70 फीसदी ज्यादा कीमत पर मिलती हैं।
इसके साथ ही ननकी राम कंवर ने मांग की है कि इस भ्रष्टाचार को रोकने जिम्मेदारों पर कार्रवाई करें। इसके अलावा ब्रांडेड दवाओं की बजाए निगम के क्लीनिक और डिस्पेंसरी में जेनेरिक दवाईयां लिखने के निर्देश दिए जाएं।
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