[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
श्रम कानून के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का कल देशभर में प्रदर्शन
भूपेश बघेल ने चुनाव आयोग को बताया ‘केचुआ’, कहा – पहली बार देखा केचुआ की वजह से किसी की मौत हुई
SIR के खिलाफ ममता की हुंकार- ‘मेरे साथ खेलने की कोशिश मत करना, तुम हार जाओगे’
सर्वधर्म स्थल में प्रवेश करने से इंकार करने वाले सैन्य अधिकारी की बर्खास्तगी बरकरार
आरक्षण पर आईएएस संतोष वर्मा ने ऐसा क्‍या कह दिया कि ब्राह्मण समाज को नागवार गुजरा?
अयोध्‍या: पीएम मोदी ने राम मंदिर पर फहराई धर्म ध्‍वजा, बताया- भारतीय सभ्यता के पुनर्जन्म का प्रतीक
सुप्रीम कोर्ट ने अमित बघेल की अग्रिम जमानत याचिका और देशभर की FIR क्लबिंग की याचिका की खारिज
जस्टिस नागरत्ना की असहमति में दम होता तो अन्य जज भी उसे स्वीकारते, बोले पूर्व सीजेआई
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में हिड़मा के नारों पर साइंटिस्ट्स फॉर सोसाइटी की सफाई
जशपुर में एक मिशनरी स्कूल की नाबालिग छात्रा ने हॉस्टल में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में प्रिंसिपल पर छेड़छाड़ का आरोप
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

‘फलस्तीन को मान्यता, लेकिन अमेरिकी-जायनिस्ट गठजोड़ तोड़े बिना जनसंहार रोकना मुश्किल’

Lens News
Lens News
ByLens News
Follow:
Published: September 25, 2025 3:16 PM
Last updated: September 25, 2025 3:53 PM
Share
US-Zionist alliance
SHARE

लेंस डेस्‍क। ‘अमेरिकी-जायनिस्ट इजरायली गठजोड़ को तोड़े बिना, यूरोपीय संघ द्वारा फिलिस्तीन की मान्यता केवल औपचारिक है और गजा जनसंहार को रोकने के लिए नाकाफी है।’ फलस्‍तीन के समर्थन में यह बयान जारी किया है भाकपा (माले) रेड स्टार ने।

पार्टी के महासचिव पी. जे. जेम्स ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 157 ने फलस्तीन को संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी है। यह संख्या संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो-तिहाई बहुमत के लिए काफी है, लेकिन फलस्तीन को पूर्ण सदस्यता दिलाने के लिए सुरक्षा परिषद में 9 वोट और किसी भी स्थायी सदस्य के वीटो से बचना जरूरी है। अमेरिका ने अब तक 50 से ज्यादा बार इजरायल विरोधी प्रस्तावों को वीटो किया है, जिसके चलते फलस्तीन की मान्यता का असर सीमित रहता है।

पी. जे. जेम्स काहना है कि यूरोपीय संघ के कुछ देशों ने फलस्तीन को मान्यता दी है, लेकिन यह कदम प्रतीकात्मक ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक इजरायल पर आर्थिक प्रतिबंध या सैन्य नाकेबंदी जैसे ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक यह मान्यता ज्यादा प्रभावी नहीं होगी। इजरायल गाजा में युद्ध अपराधों को तेज कर रहा है, फिर भी यूरोपीय संघ के ज्यादातर देश और भारत जैसे राष्ट्र उसके साथ व्यापार और हथियार सौदे जारी रखे हुए हैं।

यूरोपीय संघ ने फलस्तीन की मान्यता के साथ कुछ शर्तें भी रखी हैं, जैसे हमास की निंदा और उसे निशस्त्र करने की मांग। यह दो-राष्ट्र समाधान का प्रस्ताव एक कमजोर फलस्तीनी राज्य की बात करता है, जो इजरायल की सैन्य ताकत के सामने असहाय होगा। कई लोग इसे साम्राज्यवादी चाल मानते हैं, क्योंकि हमास का प्रतिरोध ही फलस्तीन के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीवित रखे हुए है।

वहीं, अमेरिका और यूरोप में लाखों लोग अपनी सरकारों की इजरायल समर्थक नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं। यूरोप में फलस्तीन को मान्यता देने का फैसला युवाओं और छात्रों के आंदोलनों का नतीजा है। अमेरिका में भी ट्रंप की नीतियों के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ रहा है, जो फलस्तीन के लिए एकजुटता दिखा रहा है।

जब तक अमेरिका और इजरायल का गठजोड़ टूटता नहीं, फलस्तीन को मिली मान्यता का असर सीमित रहेगा। दुनिया भर की जनता का एकजुट संघर्ष ही इस स्थिति को बदल सकता है।

यह भी देखें : गाजा में नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराधों की पुष्टि-इजरायल ने फौरन नकारी संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट  

TAGGED:CPI(ML) Red StarPalestineTop_NewsUS-Zionist alliance
Previous Article Banaras Ropeway Project मंगलयान मिशन से दोगुनी लागत में पूरा हुआ बनारस के चार किमी का रोपवे प्रोजेक्ट
Next Article GST 2.0 and stock market मोदी के बचत उत्सव से शेयर बाजार की बेरुखी क्यों?
Lens poster

Popular Posts

अमिताभ जैन का उत्तराधिकारी खोजने में छूटा पसीना, रेणु पिल्ले के नाम की चर्चा क्‍यों नहीं?

लेंस ब्‍यूरो। रायपुर छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव के रूप में सबसे लंबे समय तक सेवा…

By The Lens Desk

इजरायली संसद में ट्रंप को रोकना पड़ा भाषण, विरोध में दिखाए गए पोस्‍टर, जानिए फिर क्‍या हुआ?

लेंस डेस्‍क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आज यरुशलम में इजरायली संसद नेसेट में उस…

By अरुण पांडेय

मई की मूसलाधार बारिश से मुंबई तरबतर, 107 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा, नौतपा बेअसर

मुंबई। समय से पहले आए मानसून ने मुंबई सहित महाराष्‍ट्र के कई शहरों में जनजीवन…

By अरुण पांडेय

You Might Also Like

Chief Justice BR Gavai
देश

न्याय प्रणाली में सुधार की सख्त जरूरत, मुकदमों में देरी प्रमुख समस्या : सीजेआई गवई

By अरुण पांडेय
Medha Patkar arrested
देश

24 साल पुराने केस में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर गिरफ्तार, दिल्‍ली के एलजी से जुड़ा है मामला

By The Lens Desk
operation sindoor
देश

आदमपुर एयरबेस पर पीएम ने जवानों से की मुलाकात, बोले-आतंक के खिलाफ भारत की लक्ष्मण रेखा अब पूरी तरह साफ…

By Lens News Network
Satish Shah passes away
स्क्रीन

मशहूर अभिनेता सतीश शाह का निधन, वायरल हो गई आखिरी पोस्‍ट

By अरुण पांडेय

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?