रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले में खाद्य विभाग के तात्कालीन सचिव और रिटायर्ड आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला को गिरफ्तार किया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उन्हें गिरफ्तार करेगी। नान घोटाले में उन्हें आरोपी बनाया गया था। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से आलोक शुक्ला के साथ पूर्व आईएएस और शराब घोटाले में जेल में बंद अनिल टुटेजा को अग्रिम जमानत मिली थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद ईडी नान घोटाले में दोनों अफसरों को गिरफ्तार करेगी। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, दोनों अधिकारियों को पहले दो हफ्ते ईडी की कस्टडी में रहना होगा। उसके बाद दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकेगी। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले और ईडी की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
शराब घोटाले की सभी याचिकाएं खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में पेश कई याचिकाएं खारिज कर दी हैं। अदालत ने आबकारी घोटाले के 6 अफसरों पर किसी भी तरह का एक्शन नहीं लेने के आदेश दिए थे। लेकिन, अब उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिसके तहत गिरफ्तारी जैसे कदम उठाने पर रोक थी।
कोर्ट ने शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश में दर्ज दो मामलों को एक ही प्रकृति का मानते हुए अगली सुनवाई तक एक्शन नहीं लेने का आदेश दिया था, लेकिन अब सुनवाई के बाद दोनों ही केस की प्रकृति अलग-अलग मानते हुए कोर्ट ने लगी सारी याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में ईडी और ईओडब्ल्यू को जांच पूरी करने के लिए समय सीमा भी तय कर दी है। दोनों जजों की बेंच ने कहा है कि ईडी तीन महीने में और ईओडब्ल्यू दो महीने में अपनी जांच पूरी करे।
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