रायपुर। छत्तीसगढ़ में युवा कांग्रेस (Youth Congress) का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो जाएगा। कार्यकाल खत्म होने से पहले संगठन विस्तार की कोशिश हो रही थी, लेकिन संगठन विस्तार के लिए भेजे नामों को देखकर राष्ट्रीय संगठन ने चुनाव कराने के संकेत दे दिए। अगर चुनाव नहीं होता है, तो किसी युवा नेता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर संगठन को आगे बढ़ाया जा सकता है।
कार्यकाल पूरा होने का समय नजदीक आने से पहले युवा कांग्रेस के अध्यक्ष आकाश शर्मा इस कोशिश में लगे थे कि उनके संगठन का विस्तार हो और चुनाव न हो।
उन्होंने संगठन में नए उपाध्यक्ष, नए महासचिव और नए सचिव बनाने के लिए एक सूची भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को दी थी, लेकिन इन नए पदाधिकारियों की सूची युवा कांग्रेस की तरफ से जारी नहीं की गई।
इसके पीछे के कारणों को जब जानने की कोशिश की तो पता चला कि सूची में बड़ी संख्या में ब्राह्मणों का नाम देखकर दिल्ली ने संगठन विस्तार पर रोक लगा दी और संगठन का नए सिरे से चुनाव कराने के संकेत दिए।
सूची में 8 उपाध्यक्ष, 14 महासचिव और करीब 35 से ज्यादा प्रदेश सचिव के नाम थे। 8 उपाध्यक्ष में से 6 नाम ब्राह्मणों के थे, जिसकी वजह से सूची फाइनल करने की जगह चुनाव कराने के संकेत राष्ट्रीय संगठन की तरफ से मिले हैं।
युवा कांग्रेस को लेकर जो चर्चा है वह यह है कि युवा कांग्रेस को विपक्ष में रहकर जिस तरह सक्रीय होना चाहिए, उस तरह पार्टी सक्रीय नहीं है। इस वजह से राष्ट्रीय संगठन ने युवा कांग्रेस का नया प्रदेश प्रभारी भी बनाया है।
नए प्रदेश प्रभारी बने अमित सिंह पठानिया और सह प्रभारी डॉ. मोनिका मंडरे ने रायपुर के राजीव भवन में रविवार को संगठन की मैराथन बैठक ली। इस बैठक में भी इस पर चर्चा हुई।
रविवार को छत्तीसगढ़ पहुंचे युवा कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी ने बताया कि काम करने वालों को जिले और प्रदेश में जगह मिलेगी। छत्तीसगढ़ में पूरी तरह बदलाव होंगे तो जल्द ही युवा कांग्रेस में संगठन के चुनाव होंगे। अगर चुनाव नहीं होते हैं तो फिर सक्रिय युवा नेताओं में से किसी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाके संगठन में नई ऊर्जा लाने का काम संगठन कर सकता है।
पीसीसी भी नाखुश
चुनाव कराने या फिर कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति के संकेत प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से भी मिले हैं। हाल ही में हुई कुछ घटनाओं की वजह से प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी खुश नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के घर एक भाजयुमो के युवक के घुसने की घटना पर युवा कांग्रेस की तरफ से किसी तरह की बयानबाजी नहीं की गई। इसे पीसीसी में गंभीरता से लिया गया।
इसके अलावा भारतीय जनता युवा मोर्चा के नए अध्यक्ष राहुल टिकरिहा पर उनके कथित चाचा और युवती की तरफ से लगाए गए आरोपों के बाद राहुल टिकरिहा ने कांग्रेस पर निशाना साधा। इस पर भी युवा कांग्रेस की तरफ से किसी भी तरह की न तो कोई प्रतिक्रिया दी गई और न ही भाजयुमो अध्यक्ष के खिलाफ किसी तरह का प्रदर्शन किया गया। इन सब घटनाओं को लेकर पीसीसी की नाराजगी भी सामने आ रही है।
युवा कांग्रेस के कई प्रदेश सचिव भी नाराज
युवा कांग्रेस के संगठन विस्तार को लेकर युवा कांग्रेस में भी नाराजगी सामने आई है। संगठन विस्तार में कुछ पुराने उपाध्यक्ष और महासचिव की जगह महासचिव और सचिव को क्रमश: उपाध्यक्ष और महासचिव प्रमोट किया जा रहा है। इससे जो हटाए जा रहे हैं, वे नाराज हैं।
इसके अलावा युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव के लिए जिन लोगों के नाम दिए गए हैं, उनमें एनएसयूआई के पदाधिकारियों की संख्या ज्यादा है। इन नामों से वर्तमान के प्रदेश सचिव नाराज हैं, कि एनएसयूआई के लोगों के साथ उन्हें भी काम करना होगा और वे समकक्ष हो जाएंगे। ऐसे में कई पदाधिकारी भी चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस के प्रेक्षक बताते हैं कि सिर्फ युवा कांग्रेस से ही नहीं बल्कि एनएसयूआई से भी प्रदेश संगठन के साथ-साथ राष्ट्रीय संगठन नाराज हैं। करीब 4 वर्ष से नीरज पांडे प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन जमीन पर एनएसयूआई का अब तक विपक्ष में रहने के दौरान सबसे खराब प्रदर्शन माना जा रहा है।
स्कूल और कॉलेज से जुड़े मुद्दे पर एनएसयूआई पहले की तरह प्रदर्शन नहीं कर पा रही है, जो कांग्रेस के विपक्ष में रहने के दौरान संगठन किया करता था।
प्रेक्षक यह भी कहते हैं कि एनएसयूआई के प्रदर्शन में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता जाकर भीड़ बढ़ाते हैं। वहीं, युवा कांग्रेस के प्रदर्शन में एनएसयूआई के लोग पहुंचते हैं। दोनों संगठन आपस में मिलकर तो काम कर रहे हैं लेकिन ग्राउंड में इनका प्रदर्शन संगठन की अपेक्षा के मुताबिक सही नहीं है।
इन सभी मुद्दों पर जब युवा कांग्रेस के अध्यक्ष आकाश शर्मा का पक्ष लेने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। उनका पक्ष मिलते ही खबर में आकाश का पक्ष भी रखा जाएगा।